अरुणाचल में चीन सीमा के पास से गायब हुए वायु सेना के एएन-32 विमान का अभी तक कोई सुराग नहीं लग पाया है। विमान की तलाश के लिए तीनों सशस्त्र बलों ने अपने-अपने संसाधनों को झोंक रखा है। दुर्गम इलाके और खराब मौसम के कारण खोज एवं बचाव अभियान में दिक्कत आ रही हैं। वायुसेना ने चार एमआई-17 हेलीकॉप्टर, तीन एडवांस हल्के हेलीकॉप्टर, दो सुखोई-30 विमान, एक सी-130जे मालवाहक विमान खोज अभियान में लगाया है। सेना के एक ड्रोन भी खोज अभियान में लगा रखा है। इसके अलावा सेना के दो हेलीकॉप्टर भी लापता विमान का पता लगाने में जुटे है। सेना की पैदल टुकड़ी भी संभावित घटनास्थल की ओर भेजी गई है। नौसेना के पीआई8 विमान की सेवाएं भी ली जा रही हैं।

सरकारी सूत्रों के अनुसार, वायुसेना एविएशन रिसर्स सेंटर के ग्लोबल 5000 सर्विलांस एयरक्रॉफ्ट और नेशनल टेक्निकल रिसर्च आर्गेनाइजेशन यानी एनटीआरओ के स्पाई सैटेलाइट्स की मदद भी ले रही है। इसके अलावा दूसरे तंत्र भी इस्तेमाल किए जा रहे हैं। 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लगातार खोज एवं बचाव अभियान के बारे में सूचित किया जा रहा है। रक्षा मंत्री ने विमान और उसमें सवार लोगों का पता लगाने के लिए सभी संभव संसाधनों की इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है। 

वायु सेना के अधिकारियों के मुताबिक, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो के कार्टोसैट और रीसैट उपग्रह मेचुका के आसपास के क्षेत्र की तस्वीरें ले रहे हैं, ताकि विमान को खोजने में मदद मिल सके। इस विमान ने सोमवार को असम के जोरहाट से चीन की सीमा के पास मेंचुका के लिए उड़ान भरी थी। सोमवार की दोपहर को उड़ान भरने के करीब 33 मिनट बाद विमान लापता हो गया। जमीनी नियंत्रण कक्ष से इसका आखिरी संपर्क दोपहर एक बजे हो पाया था। विमान में चालक दल के आठ सदस्य और पांच यात्री सवार थे। 

सूत्रों के अनुसार, लापता विमान में बचाव दल को आपातकालीन लोकेटर बीकन से कोई संकेत नहीं मिला है और ऐसी संभावना है कि उपकरण काम नहीं किया होगा। दो चीता हेलीकॉप्टरों को भी खोज अभियान में लगा गया है। सर्च ऑपरेशन में लगातार खराब मौसम की वजह से दिक्कतें आ रही हैं। हालांकि वायुसेना के हौसले इन बाधाओं से कम नहीं हुए हैं। वायुसेना लगातार सर्च ऑपरेशन जारी रखे हुए है। एयर फोर्स के विमान लगभग 100 घंटों से लगातार सर्च अभियान में जुटे हैं। 

वायुसेना के प्रवक्ता ग्रुप कैप्टन अनुपम बनर्जी ने कहा कि विमान पर सवार रहे सभी वायु सैनिकों के परिजनों को घटना की सूचना दे दी गई है। लापता विमान की तलाश में हुई प्रगति के बारे में उन्हें नियमित तौर पर जानकारियां दी जा रही हैं। तलाश अभियान का ब्योरा देते हुए वायुसेना के प्रवक्ता बनर्जी ने कहा कि इसरो के कार्टोसैट और रिसैट उपग्रह मेंचुका के आसपास के इलाकों की तस्वीरें ले रहे हैं ताकि बचाव कर्मियों को विमान का पता लगाने में मदद मिले। उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना का पी-8आई विमान मंगलवार को अभियान में शामिल किया गया। बनर्जी ने कहा, ‘हालांकि, रात के वक्त देखने की क्षमता से लैस सभी सेंसरों और ग्राउंड पार्टी की ओर से चलाया जा रहा तलाश अभियान रात भर जारी रहेगा। भारतीय थलसेना, भारतीय नौसेना, पुलिस और राज्य प्रशासन की ओर से सभी संभव सहायता दी जा रही है।’