30 जनवरी को ही कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई करेगा। वहीं ईडी ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि कार्ति चिदंबरम जांच में सहयोग नही कर रहे है। ईडी ने कार्ति चिदंबरम के विदेश जाने वाली याचिका का विरोध किया है। 

ईडी ने यह भी कहा कि अगर कोर्ट कार्ति को विदेश जाने की अनुमति देता है तो जांच में देरी होगी। ईडी की माने तो कार्ति 6 महीने में 51 दिन विदेश में रहे। वह अपनी स्वतंत्रता का गलत इस्तेमाल किया है। आईएनएक्स और एयरसेल मैक्सिस मामले में जांच पूरी करने के लिए कार्ति से पूछताछ जरूरी है। 

फरवरी-मार्च के बीच यूके, स्पेन, जर्मनी और फ्रांस जाने के लिए कार्ती की याचिका पर ईडी ने अपना जवाब सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया है। 

बता दें कि पिछली सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा था कि हमारे पास करने के लिए और भी काम हैं, और कार्ती को फिलहाल वहीं रहने दीजिए, जहां वह हैं। इससे पहले भी एक बार मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई की विदेश जाने की मांग वाली याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि लोग विदेश आते जाते रहते है, फिलहाल देश मे ही रहने दीजिए। 

यह मामला ऐसा नही है , जिस पर कल ही अर्जेंट सुनवाई की जाए। सीजेआई ने कहा था कि जजों के पास इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण केस निपटाने के लिए है। 

ज्ञात हो कि चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई आईएनएक्स मीडिया मामले की जांच कर रही है। जिसमे विदेश से 305 करोड़ रुपये धन प्राप्त करने के आरोप है। 

 यह मामला तब का है, जब उनके पिता पी चिदंबरम यूपीए सरकार में वित्त मंत्री थे। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट से कहा था कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के बेटे कार्ती चिदंबरम कोर्ट से मिली विदेश यात्रा की स्वतंत्रता का स्पष्ट रूप से दुरुपयोग कर रहे है। ताकि जांच से वह बच सके। 

उधर, दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने एयरसेल-मैक्सिस डील में पिता पुत्र की 1 फरवरी तक गिरफ्तारी से छूट दी है। पिछले साल प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट में पेश की गई आरोप पत्र में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम को आरोपी नंबर 1 बताया था। एयरसेल-मैक्सिस डील में कुल नौ आरोपियों के नाम ईडी ने शामिल किए है। आरोप पत्र में वित्तमंत्री रहते पी चिदंबरम पर अपने पद और दफ्तर का दुरुपयोग का आरोप लगाया है।