लोकसभा के चार चरणों के मतदान खत्म होने के बाद चुनावी घमासान तेज हो गया है। सभी राजनैतिक दल आक्रामक तौर पर चुनाव प्रचार में उतरे हैं। लेकिन चुनाव के बाद देश की राजनीति में सबसे ज्यादा अहम माने जाने वाले उत्तर प्रदेश के लिए भारतीय जनता पार्टी ने जो व्यूह रचना रची है। अगर वह सफल हुई तो सियासत के दो दिग्गजों का पॉलिटिकल कैरियर खत्म हो सकता है। बीजेपी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के अमेठी और आजमगढ़ में समाजवादी प्रमुख अखिलेश यादव के लिए अलग व्यूह रचना बनाई है। जिससे इन दोनों नेताओं को नुकसान हो सकता है।  

असल में बीजेपी ने एसपी के लिए सबसे अहम मानी जाने वाली आजमगढ़ और कांग्रेस के लिए अमेठी सीट के लिए जो रणनीति बनाई है। इसके तहत इन दोनों सीटों पर बीजेपी के प्रत्याशियों को किसी भी हाल में जीतना है। इसी रणनीति के तहत बीजेपी के उत्तर प्रदेश के प्रभारी जेपी नड्डा और प्रदेश संगठन मंत्री सुनील बंसल ने आजमगढ़ में डेरा डाले हुए हैं और यहीं से दोनों नेता अमेठी सीट के लिए बिसात बिछा रहे हैं। ये दोनों नेता मीडिया से दूर अपनी योजनाओं को जमीन पर अमली जामा पहनाने जुटे हैं।

एसपी प्रमुख अखिलेश यादव का आजमगढ़ से चुनाव लड़ने के बाद ये सियासी समर का बड़ा केंद्र बन गया है। वहीं बीजेपी ने भोजपुरी कलाकार दिनेश लाल यादव निरहुआ को मोर्चे पर उतारा है। जबकि अमेठी में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी चुनाव लड़ रहे हैं तो उनके खिलाफ बीजेपी की नेता स्मृति ईरानी चुनावी मैदान में हैं। केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा व सुनील बंसल 29 अप्रैल को आजमगढ़ पहुंच गए थे। मिशन 2019 का एजेंडा तय करने यूपी के चुनाव प्रभारी बने जेपी नड्डा, सुनील बंसल ने चुनाव में धार देने के लिए दिन भर बैठक कर एक-एक पल की जानकारी ले रहे हैं।

नड्डा प्रदेश प्रभारी बनाए जाने के बाद पहली बार आजमगढ़ के दौरे पर हैं। बीजेपी अपनी योजनाओं मसलन आयुष्मान योजना, जनधन योजना, उज्जवल योजना, प्रधानमंत्री आवास योजनाओं को घर घर जाकर बता रही है। जबकि निरहुआ अपने आक्रामक प्रचार से भीड़ जुटाने लगे हुए हैं। वहीं अमेठी में स्मृति ईरानी स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ वहां पर मोर्चा संभाले हुए हैं। बीजेपी का लक्ष्य इन दोनों सीटों पर फतह हासिल करना है वह भी किसी भी कीमत पर। बीजेपी सोशल मीडिया से लेकर टोलियां बनाकर हर गली मोहल्ले में जा रही है।

इसी आक्रामक रणनीति के तहत दोनों नेता आजमगढ़ में पिछले तीन दिन से दिनरात एक किए हुए हैं। हालांकि आजमगढ़ में एसपी को यादव मुस्लिम और दलित वोटों का भरोसा है। लिहाजा अखिलेश यहां पर ज्यादा प्रचार नहीं कर रहे हैं। कुछ ऐसा ही हाल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का है जो अमेठी को छोड़कर पूरे देश में प्रचार कर रहे हैं जबकि उनकी बहन प्रियंका गांधी यहां पर प्रचार में जुटी है।