आर्थिक तौर पर कमजोर हो चुके पाकिस्तान के अच्छे दिन अप्रैल में आ सकते हैं बशर्ते उसे कर्ज मिल जाए। लेकिन अगर पाकिस्तान को ये कर्ज नहीं मिलता है तो पाकिस्तान पूरी तरह के कंगाल हो जाएगा। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की एक टीम पाकिस्तान का दौरा करने वाली है, जो उसे देने वाले कर्ज पर फैसला करेगी। आईएमएफ पाकिस्तान को छह से आठ अरब डालर का कर्ज दे सकता है। अगर ये कर्ज पाकिस्तान को नहीं मिला तो वह एक एक पाई का मोहताज हो सकता है। हालांकि कुछ महीनों पहले कई अरब देशों ने अपनी शर्तों पर पाकिस्तान को कर्ज दिया है।

पाकिस्तान के हालात ये हैं कि कोई भी देश उसे कर्ज देने के लिए तैयार नहीं है। हालांकि उसका आका चीन उसे कर्ज दे रहा है। लेकिन अपनी शर्तों पर और जिसे मानने के लिए पाकिस्तान पूरी तरह से बाध्य है। हालांकि पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से कर्ज की अपील की है और उसे उम्मीद है कि उसे कर्ज मिल जाएगा। इसके लिए आईएमएफ की टीम अप्रैल के आखिर महीने में पाकिस्तान आएगी और इसके बाद ही पाकिस्तान को दिए जाने वाले कर्ज पर फैसला होगा।

ऐसा माना जा रहा है कि आईएमएफ 6 से 8 अरब डॉलर का राहत पैकेज पाकिस्तान को दे सकता है। इससे पाकिस्तान को सिकुड़ते मुद्रा भंडार के दबाव से निपटने में मदद मिलेगी। हालांकि पाकिस्तान के नेताओं का दावा है कि इस कर्ज के मिल जाने के बाद भुगतान संतुलन की गंभीर समस्या खत्म हो जाएगी। पाकिस्तान में रोजमर्रा के उत्पादों के भाव आसमान छू रहे हैं और पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें काफी बढ़ गयी हैं। लिहाजा पिछले दिनों पाकिस्तान के पीएम इमरान खान अरब मुल्लों के दौरों पर गए थे जहां से उन्हें थोड़ी राहत जरूर मिली।

गौरतलब है कि पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान दुनिया भर में अलग थलक पड़ गया है। उसे कई देशों से मिलने वाली आर्थिक मदद बंद हो गयी जिसके कारण उसका विदेशी मुद्रा भंडार जनवरी मध्य में 6.6 अरब डॉलर पर आ गया, लेकिन सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात तथा चीन कर्ज मिलने के बाद विदेशी मुद्रा भंडार मार्च के अंत में बढ़कर 10.5 अरब डॉलर पर पहुंचा।