लखनऊ। अयोध्या में राममंदिर बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले के बाद आज सुन्नी वक्फ बोर्ड की अहम बैठक होने जा रही है। जिसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक मिलने वाली 5 एकड़ जमीन पर फैसला होगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस जमीन पर नई मस्जिद बनाने का आदेश दिया है। जबकि बोर्ड इसके खिलाफ है।

असल में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध सुन्नी वक्फ बोर्ड कर रहा है और वह इसे एकतरफा फैसला करार दे रहा है। लिहाजा बोर्ड के ज्यादातर सदस्य इस जमीन के खिलाफ हैं। कई मुस्लिम नेता और धर्मगुरु इसे इस्लाम के खिलाफ बता रहे हैं और इस जमीन पर किसी भी तरह की मस्जिद बनाने के खिलाफ हैं। मुस्लिम नेताओं और धर्म गुरुओं का कहना है कि इस जमीन पर मस्जिद की जगह अस्पताल या फिर स्कूल खोला जाना चाहिए। हालांकि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने साफ कर दिया है कि वह इस मामले में पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं करेगा। लेकिन इस बोर्ड में सुन्नी और शिया बोर्ड भी शामिल हैं। जिसमें सुन्नी बोर्ड कोर्ट के फैसले का विरोध कर रहा है।

जानकारी के मुताबिक ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक के बाद आज लखनऊ में सुन्नी वक्फ बोर्ड की आज अहम बैठक होगी। हालांकि इससे पहले लखनऊ में ही हुई 17 नवंबर की बैठक में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को शरीयत के खिलाफ बताया था। हालांकि इस बैठक में कई नेताओं ने हिस्सा नहीं लिया था। यहां तक कि अयोध्या मामले में पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने बोर्ड की बैठक में हिस्सा नहीं लिया था।

अंसारी ने साफ कह दिया था कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार करेंगे। लिहाजा इस पर किसी भी तरह का सवाल नहीं किया जा सकता है। हालांकि इस मामले में सुन्‍नी वक्‍फ बोर्ड के अध्‍यक्ष फारूकी का कहना है कि बोर्ड न्यायालय के निर्णय के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं करेगा। लेकिन बोर्ड में भी इस मामले को लेकर कई गुट हैं और इस मामले में तरह तरह के बयान सामने आ रहे हैं।