नई दिल्ली।  मलेशिया की नई सरकार भारत के साथ अब और बेहतर संबंध बनाना चाहती है। इसके संकेत मलेशिया की नई सरकार ने दिए हैं। कश्मीर और नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) पर मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद के बयानों के बाद भारत और मलेशिया के संबंधों में खटास आ गई थी और इसके बाद भारत ने मलेशिया से पॉम तेल का आयात कम कर दिया था लेकिन अब मलेशिया की नई सरकार भारत के साथ भविष्य  में अच्छे संबंध रखना चाहती है।


कुछ महीने पहले ही भारत ने मलेशिया से पाम तेल के आयात को कम करने के लिए नियमों को बदल दिया था।  भारत ने इंडोनेशिया से तेल को ज्यादा आयात करने के फैसला किया था। जिसके बाद मलेशिया को बड़ा झटका लगा था। हालांकि तब तत्कालीन प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने दोनों देशों के खराब होते रिश्तों में पेट्रोल डालने का काम किया था। महाथिर को पाकिस्तान का सरपरस्त माना जाता है और उन्होंने कश्मीर और एनआरसी को लेकर विवाद बयान दिए थे। जिसके बाद भारत ने साफ कहा था कि भारत के अंदरूनी मामलों में किसी दूसरे देश को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। वहीं अब मलेशिया में पूर्व पीएम महाथिर मोहम्मद की सरकार जाने के बाद मलेशिया ने भारत से चावल और चीनी का आयात बढ़ाया है।

जिससे ये साबित होता है कि मलेशिया की नई सरकार भारत से कारोबारी रिश्तों को बेहतर करना चाहती है। फिलहाल मलेशिया में सरकार बनने के बाद पहली बार भारत के राजदूत मृदुल कुमार ने नए मंत्रिमंडल और नए प्रधान मंत्री मुहीदीन यासिन और विदेश मंत्री हिशामुद्दीन हुसैन से मुलाकात की। वहीं माना जा रहा है कि मलेशिया में सत्ता बदले जाने के बाद दोनों देशों में पर्दे के पीछे से रिश्तों को बेहतर बनाने का काम चल रहा है। पिछले दिनों ही कोरोना संक्रमण के लिए भारत ने मलेशिया को दवाएं भेजी थी।