नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को अभी तक तो भारत और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ही खौफ दिख रहा था, लेकिन इमरान खान के जेहन में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ यानी आरएसएस का खौफ सताने लगा है। इमरान खान ने 14 अगस्त को पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कहा कि वह पूरे विश्व बिरादरी को संघ के बारे में बताएंगे। इमरान खान ने गुलाम कश्मीर की एसेंबली में भाषण देते हुए कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय पटल पर संघ की विचारधारा को बताएंगे।

बहरहाल संघ को लेकर इमरान खान का डरना समझ से परे है। क्योंकि संघ एक सामाजिक संगठन है। असल में संघ के पूरे देश में बढ़ते प्रभाव को देखते हुए इमरान खान डरे हुए हैं। अब संघ जम्मू कश्मीर में अपना प्रसार बढ़ा रहा है और मुस्लिमों का रूझान भी पिछले पांच साल में संघ के तरफ बढ़ा है।

यही नहीं अगर संघ की ताकत देखें तो जितने संघ के स्वयंसेवक है उससे आधी तो पाकिस्तान की सेना भी नहीं है। ऐसे में इमरान खान को लग रहा है कि अगर कश्मीर के युवाओं का रूझान संघ की तरफ बढ़ा तो पाकिस्तान कश्मीर में अपने एजेंडा लागू नहीं कर पाएगा। पाकिस्तान की स्वतंत्रता दिवस के मौके पर गुलाम कश्मीर की एसेंबली में इमरान खान के भाषण में संघ का खौफ साफ दिख रहा था। अपने 30 मिनट के भाषण ने इमरान ने 14 बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम लिया और तीन बार संघ का नाम लिया।

फिलहाल गुलाम कश्मीर की एसेंबली में एक दिन पहले ही यानी 14 अगस्त् को इमरान खान का भाषण पाकिस्तान के बजाय पीएम नरेंद्र मोदी और संघ के ही इर्द-गिर्द सिमटकर रह गया। ऐसा लग रहा था कि पाकिस्तान को अब इस बात का डर सता रहा है कि जहां पर वह भाषण दे रहे हैं वह जल्द ही भारत में शामिल हो सकता है। लिहाजा उन्होंने बार बार गुलाम कश्मीर को डराने के लिए संघ का भी खौफ दिखाया।

इमरान खान ने कहा कि कश्मीर के मसले पर पाकिस्तान ने नरेंद्र मोदी और संघ का सच दुनिया के सामने रखा। इमरान खान ने कहा कि मैं दुनिया भर में कश्मीर की आवाज बनूंगा और सभी को आरएसएस  की विचारधारा के बारे में विस्ताार से बताउंगा। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि भापजा वाले हिंदुस्तान में मुसलमानों की आवाज को दबा रहे हैं और उन्हें पाकिस्तान जाने की धमकी दे रहे हैं।