चंड़ीगढ़। पंजाब में कांग्रेस की सरकार ने मंत्रियों और अफसरों की सुविधा पर कैंची चला दी है। सरकार का मकसद अफसरों और मंत्रियों पर होने वाले सरकारी खर्च को कम करना है। हालांकि राज्य सरकार का कहना है कि राज्य की बदहाल आर्थिक स्थिति को देखते हुए ये फैसला लिया गया है और सरकार ने सरकारी खर्च में कमी करने के लिए बड़ा सख्त कदम उठाया है।

केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार की तर्ज पर ही पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने भी राज्य के मंत्रियों और अफसरों के महंगे होटलों पर रूकने पर रोक लगा दी है। सरकार का कहना है कि आर्थिक बदहाली के कारण सरकारी खर्च में कमी करने का फैसला किया है। राज्य सरकार के नए आदेश के तहत अब कोई भी सरकारी कार्यक्रम किसी भी 5 स्टार होटल में नहीं होगा और न ही किसी कार्यक्रम और सेमिनार का आयोजन होटलों में नहीं किया जाएगा।

इसके लिए सरकार ने नया आदेश जारी कर दिया है। राज्य सरकार के नए आदेश के तहत राज्य के मंत्री और अफसर स्टडी-रिसर्च टूर पर विदेश और अन्य राज्यों के दौरे पर नहीं जा सकेंगे। वहीं विदेशों में सरकारी विभागों की प्रदर्शनी पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही मंत्री और अफसर एक ही गाड़ी का प्रयोग कर सकेंगे। यही नहीं राज्य सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के मोबाइल बिल, आवास के लैंडलाइन फोन, इंटरनेट बिल पर भी कैंची लगाई है।

इसके साथ ही राज्य सरकार ने सरकारी कार्यालयों के फर्नीचर खरीदने पर भी रोक लगा दी है। राज्य सरकार ने साफ किया है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के आदेश के बाद नए नियमों का उल्लंघन करने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।  गौरतलब है कि केन्द्र में नरेन्द्र मोदी सरकार बनने के बाद इस तरह के फैसले लिए गए थे। ताकि सरकारी खर्च को कम किया जा सके। लिहाजा इसी तर्ज पर पंजाब की कांग्रेस शासित सरकार ने सरकारी खजाने की बर्बादी को रोकने लिए ये कदम उठाया है।