लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के तीन साल से ज्यादा कार्यकाल में यूपी पुलिस ने  मुठभेड़ में राज्य के 122 अपराधियों को मौत के घाट उतार दिया है। वहीं इन मुठभेड़ में 13 पुलिसकर्मी भी शहीद हुए हैं। हालांकि आठ पुलिसकर्मी पिछले हफ्ते ही कानपुर में शहीद हुए हैं। वहीं इस कार्यकाल में 13 हजार से ज्यादा अपराधियों को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार किया है और वह जेल की सलाखों के पीछे हैं। 

असल में राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद योगी आदित्यनाथ को राज्य की सीएम बनाया गया। सीएम योगी अपनी सख्ती के लिए पहले से ही जाने जाते थे। लिहाजा उन्होंने यूपी पुलिस को साफ संदेश दिया था कि राज्य में अपराधी नहीं रहने चाहिए। योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि अपराधियों की जगह या तो जेल में या फिर वह प्रदेश से बाहर चले जाएं। वहीं राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर विपक्षी दलों के निशाने पर राज्य सरकार है और विपक्षी दल आरोप लगा रहे हैं कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई है। 

वहीं पुलिस विभाग में दर्ज रिकार्ड से साफ है कि राज्य में योगी सरकार ने अपराध पर नियंत्रण रखा है। राज्य में 20 मार्च 2017 से लेकर 10 जुलाई 2020 तक पुलिस की अपराधियों के साथ 6126 मुठभेड़ हो चुकी हैं और इसमें  122 अपराधियों को पुलिस ने ढेर कर दिया है जबकि 2293 अभियुक्त घायल हुए। वहीं अभी तक 13361 अपराधियों को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल के सलाखों के पीछे पहुंचाया है।

 वहीं अपराधियों के साथ पुलिस की मुठभेड़ में यूपी पुलिस के 13 पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं और 894 घायल हुए हैं। हाल ही में कानपुर नगर के चौबपुर थाना क्षेत्र स्थित बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। जबकि इससे पहले तीन साल में महज पांच पुलिसकर्मी ही शहीद हुए थे। हालांकि इसी घटना का मुख्य आरोपी विकास दुबे समेत छह अपराधियों को पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया है।

यूपी पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक सबसे ज्यादा 59 अपराधी मेरठ जोन में पुलिस ने मार गिराए हैं जबकि 11-11 अपराधी आगरा व वाराणसी जोन मारे गए हैं। जबकि मेरठ जोन में 3792 अभियुक्तों को पुलिस ने मेरठ जोन से गिरफ्तार किया है। वहीं  3693 अपराधियों को आगरा जोन, 1940 अपराधियों को बरेली जोन से गिरफ्तार किया है।