हालांकि कर्नाटक में चल रहे सियासी संकट के सोमवार को खत्म होने की उम्मीद की जा रही है। लेकिन इसी बीच कुमारस्वामी सरकार की मुश्किलें और बढ़ गयी, जब राज्य में कांग्रेस और जेडीएस सरकार से समर्थन वापस लेने वाले दो निर्दलीय विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका दाखिल की। विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह राज्य की कुमारस्वामी सरकार को फ्लोर टेस्ट के लिए निर्देश दें। जिसके बाद राज्य की कुमारस्वामी सरकार पर फ्लोर टेस्ट का दबाव बन गया है।

राज्य के कांग्रेस और जेडीएस के 15 विधायक पहले ही सुप्रीम कोर्ट जा चुके हैं। फिलहाल इन विधायकों को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है और इन पर व्हिप का आदेश लागू न करने का निर्देश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है। लेकिन आज नए घटनाक्रम में कुछ दिन पहले तक राज्य की कुमारस्वामी सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

जिसके तहत इन विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि कुमारस्वामी सरकार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने का निर्देश दें। क्योंकि सरकार ने बहुमत खो दिया है। ये दोनों निर्दलीय विधायक सरकार को समर्थन दे रहे थे और अब भाजपा खेमे को समर्थन दे रहे हैं।

फिलहाल दो निर्दलीय विधायक एच नागेश और आर शंकर के सुप्रीम कोर्ट पहुंचने से कुमारस्वामी सरकार पर बहुमत का संकट गहरा गया है। इन दोनों विधायकों ने सोमवार को विधानसभा में होने वाले फ्लोर टेस्ट को पूरा कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट से कर्नाटक सरकार को निर्देश देने की मांग की है।

वहीं आज दूसरी तरफ बेंगलुरू में भारतीय जनता पार्टी के विधायकों की रमाडा होटल में हुई। इसमें भाजपा अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने कहा है कि सोमवार सुबह एक बार फिर विधायक दल की बैठक होगी। दूसरी तरफ कांग्रेस और जेडीएस के नेताओं ने भी कल के लिए रणनीति बनाने के लिए सोमवार की सुबह एक बैठक बुलाई है।  इस बैठक में कर्नाटक प्रभारी केसी वेणुगोपाल, कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के समन्वयक सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम जी परमेश्वर मौजूद रहेंगे।