पाकिस्तान में दो हिंदू लड़कियों के जबरन धर्मांतरण पर अब भारत सरकार सक्रिय हो गयी है। इसके लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भारतीय उच्चायुक्त से इस मामले में रिपोर्ट मांगी है। भारत अब इस मामले को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उठाने की तैयारी कर रहा है। 

पाकिस्तान में दो हिंदू लड़कियों के जबरन धर्मांतरण पर अब भारत सरकार सक्रिय हो गयी है। इसके लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भारतीय उच्चायुक्त से इस मामले में रिपोर्ट मांगी है। भारत अब इस मामले को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उठाने की तैयारी कर रहा है। पाकिस्तान अल्पसंख्यक आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक वहां पर अकसर इस तरह की घटनाएं होती हैं, जिनमें हिंदू अल्पसंख्यकों की लड़कियों को सीधे तौर पर निशाना बनाया जाता है।

आज भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर बताया कि "मैंने पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त से इस पर एक रिपोर्ट भेजने के लिए कहा है।" हालांकि सुषमा के ट्विट किए जाने के बाद इस मामले में अपना चेहरा बचाने के लिए पाकिस्तान ने सूचना मंत्री ने इसे पाकिस्तान का आंतरिका मामला बताया है। पाकिस्तान के सूचना मंत्री चौधरी फ़वाद हुसैन ने भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को लिखा कि यह पाकिस्तान का आंतरिक मामला है और हमारे लिए अल्पसंख्यक भी उतने ही अनमोल हैं। यह इमरान ख़ान का नया पाकिस्तान है जहां हमारे झंडे का सफ़ेद रंग भी उतनी ही क़ीमती हैं।

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गौरतलब है कि होली की रात को पाकिस्तान में दो हिंदू लड़कियों का अपहरण कर उनका जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया और गुरुवार से ही पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय धरना प्रदर्शन कर रहा है। ये घटना पाकिस्तान के सिंध प्रांत के घोटकी ज़िले के दहारकी तालुका में हुई। पाकिस्तान में अल्पसंख्यों में सबसे ज्यादा तादात में हिंदूओं की है। हालांकि पाकिस्तान में पहले भी हिंदू नाबालिक लड़कियों को अपहरण कर उन्हें जबरदस्ती इस्लाम कबूल करने की घटनाएं सामने आयी हैं। पाकिस्तान के अल्पसंख्यक आयोग के मुताबिक 2010 में हर महीने 20-25 हिंदू लड़कियों का अपहरण किया जाता था और उन्हें जबरदस्ती मुस्लिम बनाया जाता था। जबकि 2012-17 तक 286 लड़कियां का जबरदस्ती धर्मांतरण कराया गया।

कुछ समय पहले मानवाधिकार आयोग पाकिस्तान में काम करने वाले अमरनाथ मोटूमल ने बताया था कि पाकिस्तान में हर महीने हिंदू लड़कियों को अपह्त किया जाता है और उनका धर्मांतरण किया जाता है। इससे पहले पाकिस्तान के कराची में पंजाब कालोनी में रहने वाली दंपत्ति सन्नो अमरा और चंपा की तीन नाबालिक बेटियों के भी जबरन धर्मांतरण किए जाने की खबर आयी थी। तीनों नाबालिक लड़कियों को स्थानीय मदरसे में मुस्लिम बना दिया गया था और उन्होंने कट्टरपंथियों के डर के कारण अपने माता पिता के साथ जाने से मना कर दिया।