नई दिल्ली: पाकिस्तान से भारत की लाख दुश्मनी हो, लेकिन यह बात तो माननी पड़ेगी कि भ्रष्टाचार से निपटने में वहां ज्यादा सख्ती दिखाई जाती है। जबकि भारत में ऐसा नहीं देखने को मिलता। 

पाकिस्तान में नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार के मामले में किसी तरह की राहत नहीं मिल रही है। भले ही वह पूर्व प्रधानमंत्री हों और उनके पास अरबों की संपत्ति हो। 
 
भ्रष्टाचार के एक मामले में नवाज शरीफ को जेल में ही रहना होगा। पाकिस्तानी हाईकोर्ट ने मेडिकल आधार पर जमानत की उनकी याचिका पर फैसला टाल दिया है। इसपर अगली सुनवाई 26 मार्च को होगी। 

नवाज शरीफ ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ 6 मार्च को अपील दायर की थी। हाई कोर्ट ने 25 फरवरी को अल-अजीजिया स्टील मिल मामले में मेडिकल आधार पर उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया था।

पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश आसिफ सईद की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यों की खंडपीठ ने कहा है कि 26 मार्च को ही नवाज शरीफ के मामले पर फैसला भी सुनाया जाएगा। 

हालांकि नवाज शरीफ के वकील ख्वाजा हैरिस ने चिकित्सकीय रिपोर्ट का हवाला देते हुए उनके लिए जमानत की मांग की थी। वकील का कहना था कि पूर्व प्रधानमंत्री शरीफ को 17 बीमारियां हैं, जिनका अलग अलग इलाज चल रहा है। 

लेकिन पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया। 

पाकिस्तान के 69 साल के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अल-अजीजिया स्टील मिल भ्रष्टाचार मामले में दिसंबर 2018 से लाहौर की कोट लखपत जेल में बंद हैं।