अंतरिक्ष में जीसैट-11, देश में बढ़ेगी इंटरनेट स्पीड

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के सबसे वजनी' उपग्रह जीसैट-11 का बुधवार सुबह फ्रेंच गुआना के एरियानेस्पेस के एरियाने-5 रॉकेट से सफल प्रक्षेपण किया गया। इसरो ने बताया कि करीब 5,854 किलोग्राम वजन का जीसैट-11 देशभर में ब्रॉडबैंड सेवाएं उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाएगा। जीसैट-11 अगली पीढ़ी का ‘हाई थ्रुपुट' संचार उपग्रह है। इसका जीवनकाल 15 साल से अधिक का है।  यह 16 गीगाबाइट प्रति सेकंड की रफ्तार से डेटा भेज सकता है। 30 मिनट की उड़ान के बाद रॉकेट से अलग होकर यह उपग्रह भू-समकालिक स्थानांतरण कक्षा में पहुंचा। इसे कुछ दिन में धरती से 36 हजार किलोमीटर ऊपर स्थित भू-स्थैतिक कक्षा में स्थापित किया जाएगा। यह देश में ग्राम पंचायत स्तर तक पर भारत नेट प्रोजेक्ट के तहत ब्रॉडबैंड सर्विस उपलब्ध कराएगा।

Arjun Singh | Updated : Dec 05 2018, 03:37 PM
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भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के सबसे वजनी' उपग्रह जीसैट-11 का बुधवार सुबह फ्रेंच गुआना के एरियानेस्पेस के एरियाने-5 रॉकेट से सफल प्रक्षेपण किया गया। इसरो ने बताया कि करीब 5,854 किलोग्राम वजन का जीसैट-11 देशभर में ब्रॉडबैंड सेवाएं उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाएगा। जीसैट-11 अगली पीढ़ी का ‘हाई थ्रुपुट' संचार उपग्रह है। इसका जीवनकाल 15 साल से अधिक का है।  यह 16 गीगाबाइट प्रति सेकंड की रफ्तार से डेटा भेज सकता है। 30 मिनट की उड़ान के बाद रॉकेट से अलग होकर यह उपग्रह भू-समकालिक स्थानांतरण कक्षा में पहुंचा। इसे कुछ दिन में धरती से 36 हजार किलोमीटर ऊपर स्थित भू-स्थैतिक कक्षा में स्थापित किया जाएगा। यह देश में ग्राम पंचायत स्तर तक पर भारत नेट प्रोजेक्ट के तहत ब्रॉडबैंड सर्विस उपलब्ध कराएगा।

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