देश का सबसे लंबा पुल ब्रह्मपुत्र नदी पर बन कर तैयार हो चुका है। इस पुल पर रेल के साथ गाड़ियां भी दोड़ेंगी। पुल का उद्घाटन पीएम मोदी 25 दिसंबर को करेंगे। इस पुल से यात्रियों का अरुणाचल प्रदेश और चीन की सीमा से सटे अन्य प्रदेशों से आवागमन आसान हो जाएगा। 

इस पुल की आधारशिला 1997 में तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने रखी थी। हालांकि इसका निर्माण कार्य 2002 में अटल सरकार में शुरू किया गया।

इस पुल की लंबाई 4.94 किलोमीटर है। एशिया के इस दूसरे सबसे बड़े पुल में सबसे ऊपर एक तीन लेन की सड़क है और उसके नीचे दोहरी रेल लाइन है। यह पुल ब्रह्मपुत्र के जलस्तर से 32 मीटर की ऊंचाई पर है। इसे स्वीडन और डेनमार्क को जोड़ने वाले पुल की तर्ज पर बनाया गया है।

यात्रियों को पहले के मुकाबले इस पुल के रास्ते से कम किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी। जैसे की अभी लोगों को डिब्रूगढ़ से अरुणाचल प्रदेश जाने के लिए व्यक्ति को गुवाहाटी होकर जाना होता है और उसे 500 किलोमीटर से अधिक दूरी तय करनी होती है। लेकिन अब इस पुल से यह यात्रा 100 किलोमीटर से कम हो जाएगी।

बोगीबील पुल भूकंप प्रभावित क्षेत्र में बना है। यहां रिक्टर पैमाने के 7 स्केल तक का भूकंप आता रहा है। इस पुल को भूकंपरोधी बनाया गया है जो 7 तीव्रता से ज्यादा के भूकंप में भी धराशायी नहीं होगा।

अधिकारियों के अनुसार सरकार के लिए यह पुल पूर्वोत्तर में विकास का प्रतीक और चीनी सीमा पर तैनात सशस्त्र बलों के लिए तेजपुर से आपूर्ति प्राप्त करने के लिए साजो-सामान संबंधी मुद्दे को हल करने की दिशा में एक रणनीतिक कदम है।