असम में मंगलवार को महात्मा गांधी की जयंती पर देश का तीसरा सबसे ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया। यह शहर की औसत ऊंचाई से भी ऊंचा है।
असम में मंगलवार को महात्मा गांधी की जयंती पर देश का तीसरा सबसे ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया। यह शहर की औसत ऊंचाई से भी ऊंचा है।
यहां जारी एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि गांधी मंडप में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस राष्ट्रीय ध्वज को जनता को समर्पित करते हुए महात्मा गांधी के 150वीं जयंती वर्ष समारोह का उद्घाटन किया।
इस ध्वज का खंभा (पोल) 319.5 फुट लंबा है, जो शहर की औसत ऊंचाई के मामले में देश में सबसे ऊंचा है।
सिर्फ ध्वज के खंभे की ऊंचाई को लेकर इसका देश में तीसरा स्थान है। पहले दो स्थानों पर भारत-पाकिस्तान सीमा पर अटारी पर 360 फुट ऊंचाई और पुणे के पिंपरी चिंचवाड़ भक्ति शक्ति चौक पर 351 फुट ऊंचाई वाला ध्वज शामिल है।
पूरी परियोजना की कीमत 2.92 करोड़ है, इसमें एक साल के लिए संचालन और मरम्मत पर आने वाला खर्च भी शामिल है।
उधर, देश में सांप्रदायिक सद्भाव कायम रखने की जरूरत पर जोर देते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि महात्मा गांधी हमेशा सहिष्णुता के हितैषी रहे और सभी धर्मों का सम्मान करते थे।
गांधी को "सच्चा जननेता" बताते हुए, जो अधिकारों की लड़ाई में सबको साथ ले जा सके, बनर्जी ने कहा कि मौजूदा समय में ईंधन की बढ़ती कीमतों और धार्मिक असहिष्णुता के कारण देश "मुश्किल समय" से गुजर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा, " हमे गांधीजी जैसे नेताओं और राजनीतिज्ञों की जरूरत है जो हमें कठिन समय में राह दिखा सकें।"
महात्मा गांधी की 149वीं जयंती पर बेलाघाट में म्यूजियम के नए परिसर के शिलान्यास के दौरान मुख्यमंत्री ने यह बात कही।
Last Updated Oct 3, 2018, 9:16 AM IST