नई दिल्ली। भारत ने चीन के साथ उपजे मौजूदा विवाद से निपटने के लिए अपने करीबी दोस्तों को हर पल पल की जानकारी दी। ताकि सीमा विवाद पर उनका भरोसा जीता जा सके। लिहाजा भारत को ये रणनीति कामयाब रही। भारत नेअपने  परंपरागत मित्र देश रूस और करीबी अमेरिका को भरोसे में लिया और इस पूरे प्रकरण की पूरी जानकारी दी। इसके जरिए दोस्तों ने भी भारत को भरोसा दिया कि वह इस विवाद को लेकर उसके साथ खड़े हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत और चीन की बीच सीमा विवाद के बाद भारत ने अपनी रणनीति के तहत अपने करीबी दोस्तों को विश्वास में लिया और इस विवाद को लेकर चीनी रूख की जानकारी दी। असल में भारत की ये रणनीति अभी तक काफी सफल रही है।  जिसके तहत विवादों के बाद अपने करीबी मित्र देशों से जानकारी साझा कर उनका विश्वास जीता जा रहा है। इस रणनीति के तहत भारत ने चीन विवाद के बाद अमेरिका और रूस को भरोसे में लिया और उन्हें जानकारी दी। असल में हर कोई चीन की साजिश से परेशान है और मित्र देशों ने भी भारत को मदद का आश्वासन दिया। भारत चीन विवाद के तो अमेरिका ने मदद और बातचीत की बात कही थी।

भारत ने पिछले कुछ महीनों में देश मे सभी बड़े घटनाक्रम पर मित्र देशों को असल में पिछले साल कश्मीर से  धारा 370 हटाने के बाद पाकिस्तान दुनिया भर मेंभारत के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहा था। लिहाजा भारत ने इस पर भी दोस्त देशों को पूरी जानकारी दी। जिसके बाद पाकिस्तान को दुनिया के सिर्फ तीन देशों का ही साथ मिला है। उसमें चीन  भी शामिल है। जो भारत के खिलाफ हमेशा ही चीन का साथ देता है। भारत और चीन के विवाद के बाद तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मध्यस्थता का प्रस्ताव दिया था। जिसे भारत और चीन दोनों ने खारिज कर दिया था।

जारी है बातचीत का दौर

सीमा विवाद को लेकर भारत - चीन के बीच कई दौर की सैन्य स्तर की बातचीत हो चुकी है। लेकिन अभी तक कोई समाधान  नहीं निकला है। भारत ने साफ कर दिया है वह सीमा पर अपने क्षेत्र में निर्माण कार्य करेगा और किसी भी कीमत पर बंद नहीं करेगा। वहीं चीन को सीमा पर हो निर्माण को लेकर परेशानी है। क्योंकि इन क्षेत्रों को वह अपना बताता है।