आज सुबह 3.20 बजे मुंह अंधेरे भारतीय वायुसेना के 12 मिराज 2000 विमानों ने नियंत्रण रेखा पार करके पाक अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फरबाद तक वार किया। उन्होंने 1000 किलो बम गिराकर जैश ए मोहम्मद के आतंकी अड्डों को तबाह कर दिया। खबर आ रही है कि इस कार्रवाई में 300 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए हैं। 
लेकिन इस बड़ी सैन्य कार्रवाई में अहम भूमिका निभाई हमारे लेजर गाइडेड बम ‘सुदर्शन’ ने। 

‘सुदर्शन’ दरअसल एक बम किट है जो कि बेहद सटीक और घातक होता है। यह देश का पहला पूरी तरह से स्‍वदेशी लेजर गाइडेड बम किट है। इसको खासतौर पर वायुसेना और नौसेना के लिए तैयार किया गया है। इसकी रेंज करीब नौ किमी है। लेकिन इसकी रेंज बढ़ाकर 50 किमी तक किए जाने पर काम चल रहा है। 


डीआरडीओ ने इस प्रोजेक्‍ट की शुरुआत वर्ष 2006 में की थी। इसका मकसद एक ऐसी एडवांस्‍ड लेजर गाइडेड किट को डेवलेप करना था जो 450 किग्रा के बम को सटीक जगह पर गिराने में कामयाब हो। ट

इस बम का सबसे पहला परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर में 21 जनवरी 2010 में किया था। इसके अलावा 9 जून 2010 को पोकरण टेस्‍ट रेंज में दोबारा इसका परीक्षण किया गया था। 

‘सुदर्शन’ को पहली बार भारतीय वायुसेना की मिग 27 यूनिट में शामिल किया। इसके अलावा जगुआर में भी इसको शामिल किया गया। बाद में सुखोई, मिराज 2000 और मिग 29 में भी इसको शामिल कर लिया गया। वर्तमान में ‘सुदर्शन’ एयरफोर्स के साथ नेवी में भी शामिल है।

डीआरडीओ करीब 50 ‘सुदर्शन’ लेजर गाइडेड बम सप्‍लाई कर चुका है। अब एयरोनॉटिकल डेवलेपमेंट इस्‍टेबलिशमेंट(एडीई) नेक्‍सट जनरेशन के लेजर गाइडेड बम बनाने में जुटा है। यह बम आईआरडीई द्वारा डीआरडीओ की लैब में तैयार किया गया है। इस बम को बनाने में आईआईटी दिल्‍ली और बीईएल की भी भूमिका रही है।