पाकिस्तान सेना और आतंकियों द्वारा मिलकर नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर किए गए हमले में रविवार को तीन सैनिक शहीद हो गए, इसके बाद सेना ने इस्लामाबाद को चेताया है कि वह अपनी जमीन से भारत के खिलाफ आतंकवादियों को लांच करना बंद करे। 

सेना के अधिकारियों ने कहा, 'ऐसी रिपोर्टें हैं कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सक्रिय लांच पैड्स पर आतंकियों का जमावड़ा बढ़ गया है। ये आतंकी बर्फबारी का सीजन शुरू होने से पहले भारत में घुसने की फिराक में हैं। पाकिस्तान को दी गई एक कड़ी चेतावनी में कहा गया है कि वह अपनी जमीन से इस तरह की आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देना बंद करे।'

भारतीय सेना का कहना है कि सीमापार से लगातार उकसावे वाली कार्रवाई के बावजूद वह नियंत्रण रेखा पर संयम बनाए हुए हैं। वहीं पाकिस्तानी सेना लगातार आतंकियों को एलओसी से भारत में घुसपैठ करा रही है। 30 मई 2018 के बाद से भारतीय सेना ने घुसपैठ के ऐसे सात प्रयासों को नाकाम किया है। इस दौरान सेना ने 23 आतंकियों का भी खात्मा किया। 

सेना के अनुसार, रविवार को सुंदरबनी सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास पाकिस्तान की बैट टीम ने भारतीय सेना के पेट्रोलिंग दस्ते को निशाना बनाया। पाकिस्तान की ओर से किए गए इस हमले में तीन जवान शहीद हो गए जबकि एक अन्य घायल हुआ है। इस दौरान दोनों तरफ से हुई गोलीबारी में दो घुसपैठिए भी मारे गए। दोनों लड़ाकू वर्दी पहने हुए थे। हालांकि दोनों की पहचान नहीं हो पाई है।

अधिकारियों ने कहा, 'पाकिस्तानी सेना को दोनों देशों के बीच बनी संचार प्रक्रिया के जरिये मारे गए आतंकियों के शवों को लेने के बारे में सूचित कर दिया गया है। ये दोनों पाकिस्तानी नागरिक हैं।' 

पहले भी पाकिस्तान ने अपने सैनिकों के शवों को लेने से इनकार किया है। वह भारत में आतंकवादियों को भेजने में अपनी भूमिका से इनकार करता रहा है।