भले ही देखने में यह लग रहा हो कि भारत और पाकिस्तान के बीच बालाकोट हवाई हमले के बाद बने तनाव के हालात अब दुरुस्त हो गए हैं लेकिन एलओसी पर स्थिति ऐसी नहीं हैं। अंतरराष्ट्रीय सीमा और एलओसी पर दोनों सेनाएं एक दूसरे पर लगातार भारी हथियारों से गोलाबारी कर रही हैं। लंबे समय बाद एलओसी पर सेना ने बोफोर्स का इस्तेमाल किया है। भारत की ओर से की गई कार्रवाई में कुछ दिन पहले पाकिस्तान के 12 जवान मारे गए। उसकी पोस्टें तबाह हो गई है।

पाकिस्तान बालाकोट में भारतीय वायुसेना के हवाई हमले के बाद से ही बौखलाया हुआ है। वह एलओसी पर लगातार सीजफायर का उल्लंघन कर रहा है। भारतीय सेना भी पाकिस्तान की हर नापाक हरकत का मुंहतोड़ जवाब दे रही है। लगातार पाकिस्तान पोस्टों को निशाना बनाया जा रहा है। 

अक्सर पाकिस्तान पर की जाने वाली कार्रवाई का साक्ष्य मागने वालों के लिए इस बार 'माय नेशन' के पास एक वीडियो भी उपलब्ध है। इसमें जम्मू-कश्मीर के अख्नूर सेक्टर में पाकिस्तानी पोस्ट पर उसका ध्वज उलटा लगा नजर आ रहा है। सेना की भाषा में यह एसओएस (बहुत ज्यादा खतरा) का संकेत होता है। इसका मतलब है कि पाकिस्तान पोस्ट पूरी तरह जमींदोज हो चुकी है और उसके जवानों को भारी नुकसान पहुंचा है। 

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मार्च के पहले तीन हफ्तों में ही पाकिस्तान ने एलओसी पर 100 से ज्यादा बार सीजफायर का उल्लंघन किया है। इसके बाद भारतीय सेना ने बड़े पैमाने पर जवाबी कार्रवाई की है। मार्च में पाकिस्तान की नापाक हरकत के चलते सेना के तीन जवान शहीद हुए हैं। वहीं एक ही परिवार के तीन लोगों समेत चार लोग भी मारे गए हैं।

सेना के सूत्रों के अनुसार हाल ही में पाकिस्तान पर की गई जवाबी कार्रवाई में दुश्मन देश को जानमाल का भारी नुकसान हुआ है। इस कार्रवाई में उसके 12 जवान मारे गए हैं। 

अधिकारियों ने बताया कि रविवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा यानी एलओसी पर पाकिस्तानी सैनिकों की गोलीबारी में सेना का एक जवान शहीद हो गया। जवान की पहचान राजस्थान के रहने वाले हरि वाकर के रूप में हुई है। शनिवार शाम पाकिस्तान की ओर से की गई गोलाबारी में वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। अस्पताल में पहुंचने के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका। पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी रविवार सुबह तक होती रही। 

21 मार्च को पाकिस्तानी  सेना ने अखनूर, सुंदरबनी और नौशेरा सेक्टर में गोलाबारी करने के लिए तोपों का इस्तेमाल किया था। सुंदरबनी सेक्टर में 24 साल के राइफलमैन यश पाल शहीद हो गए थे। 19 मार्च को पंजाब के मोगा के रहने वाले राइफलमैन करमजीत सिंह भी सुंदरबनी में पाकिस्तान की ओर से की जा रही गोलीबारी में शहीद हो गए। 

पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय वायुसेना के हवाई हमले के बाद से ही सीमापार से सीजफायर के उल्लंघन की घटनाएं बढ़ी हैं। 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए फिदायीन हमले के बाद वायुसेना ने पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंप पर हमला किया था। 

नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की कार्रवाई का जवाब देते हुए भारतीय सेना विजयंत टैंक और बोफोर्स से जवाबी हमला कर रही है। पिछले कई साल में सेना ने जवाबी कार्रवाई के लिए इतने बड़े हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया है। 

सीजफायर का उल्लंघन करते हुए पाकिस्तान ने भारी हथियारों का इस्तेमाल किया और सेना की पोस्टों के साथ-साथ रिहायशी इलाकों पर भी मोर्टार और गोले दागे।  शुरुआत में पाकिस्तानी सेना ने 81एमएम के इंफैंट्री मोर्टार का इस्तेमाल किया। लेकिन तनाव बढ़ने के साथ-साथ 105एमएम की तोपों से गोलाबारी शुरू कर दी। पाकिस्तान इतने से ही बाज नहीं आया उसने इसके बाद 130एमएम कैलीबर वाली तोपों का इस्तेमाल किया। कई जगह छोटे हथियारों से भी गोलाबारी की। पाकिस्तान के उकसावे के बाद भारतीय सेना ने भारी हथियारों से जवाबी हमला किया है।