पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से भारतीय राजनयिक मुलाकात के बाद विदेश मंत्रालय ने बताया है कि इस दौरान जाधव बेहद दबाव में थे। इस बारे में पूरी रिपोर्ट सामने आने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
नई दिल्ली: कुलभूषण जाधव भारतीय राजनयिक से मुलाकात के समय भारी दबाव में थे। इस मामले में भारतीय विदेश मंत्रालय विस्तृत रिपोर्ट मिलने के बाद अगला कदम उठाएंगी। पाकिस्तान द्वारा कुलभूषण जाधव पर झूठे आरोपों को कबूल करने का दबाव है।
पाकिस्तान की जेल में 3 साल से अधिक वक्त से बंद कुलभूषण जाधव की मुलाकात भारतीय राजनयिकों से एक सबजेल में कराई गई और निर्धारित समय से एक घंटे की देरी से अधिकारियों को उनसे मिलने दिया गया। इस बीच खबर आई कि पाकिस्तान ने मुलाकात की जगह ही बदल दी।
पहले भारतीय राजनयिक गौरव अहलुवालिया की मीटिंग पाक विदेश मंत्रालय के मुख्य ऑफिस में तय की गई थी, लेकिन बाद में पाकिस्तान ने जगह बदल दी। भारतीय डिप्टी हाई कमिश्नर गौरव अहलूवालिया और कुलभूषण जाधव के बीच ढाई घंटे मुलाकात हुई।
भारत करीब 3 साल से कुलभूषण जाधव का कॉन्सुलर एक्सेस लेना चाह रहा था। लेकिन पाकिस्तान से इससे पहले भी कॉन्सुलर एक्सेस देने के मामले में कुछ शर्तें रखी थीं, जिसे भारत की ओर से अस्वीकार कर दिया गया था।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, 2 घंटे का समय जाधव से मिलने के लिए दिया गया था। भारत ने मुलाकात के पहले उम्मीद जताई थी कि अच्छे माहौल में मुलाकात संभव बनाने के लिए पाकिस्तान की ओर से सहयोग मिलेगा।
कुलभूषण जाधव से मिलने गए भारत के राजनयिक गौरव अहलूवालिया पहले पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय पहुंचे और प्रवक्ता मोहम्मद फैसल से मिले। इसके बाद वह जाधव से मिलने गए। इस बीच उन्हें मुलाकात की जगह बदलने की खबर दी गई।
पहले राजनयिकों की जाधव से मुलाकात 2 अगस्त को करवाई जानी थी लेकिन भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव की वजह से इसे कैंसल कर दिया गया था और मामला एक महीने के लिए टल गया।
इसी साल जुलाई में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) ने पाकिस्तान को बिना देरी के जाधव को राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराने के आदेश दिए थे।