पाकिस्तान में चल रहे आंतकी कैंप और भारत खिलाफ परोक्ष तौर पर चल रहे हमले से नाराज भारत अब 23 मार्च को होने वाले पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस कार्यक्रम का बहिष्कार करेगा। इस कार्यक्रम में भारत का कोई भी अफसर या नेता हिस्सा नहीं लेगा।

पाकिस्तानी दूतावास में शनिवार को पाकिस्तान का राष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में पाकिस्तान में कश्मीर के अलगाववादी नेताओं को आमंत्रित किया है। जिसको विरोध भारत ने किया है। भारत पहले ही कश्मीरी अलगाववादी नेताओं को बुलाने का विरोध कर चुका है। लिहाजा भारत सरकार ने फैसला किया है कि भारत के तरफ से कोई भी अफसर और नेता इस कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेंगे। भारत ने पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस की पूर्व संध्या पर होने वाले कार्यक्रम से दूरी बनाए रखने का फैसला किया है।

भारत सरकार ने पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर यहां उसके उच्चायोग में होने वाले कार्यक्रम का बहिष्कार करने का फैसला लिया है। भारत सरकार के एक अफसर ने कहा कि ‘‘भारत सरकार ने नई दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग में आयोजित होने वाले पाकिस्तानी राष्ट्रीय दिवस कार्यक्रम में किसी भी आधिकारिक प्रतिनिधि को नहीं भेजने का फैसला किया है।’’ इससे पहले भी भारत पाकिस्तान के कई कार्यक्रमों का बहिष्कार कर चुका है। जिसमें उसने कश्मीर के अलगाववादी नेताओं को बुलाया था। गौरतलब है कि पुलवामा हमले के बाद भारत और पाकिस्तान में तनातनी बढ़ गयी है।

अभी तक दोनों देशों के रिश्तों में कोई बदलाव नहीं आया है। भारत की कोशिश से पाकिस्तान दुनियाभर में अलग हो गया है। पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक कर वहां पर आंतकी कैंपो को ध्वस्त कर दिया था। इसकी बाद पाकिस्तान की दुनियाभर में किरकिरी हुई थी। हालांकि भारत कोशिश कर रहा है कि पाकिस्तान में मौजूद आंतकी मसूद अजहर को वैश्विक आंतकी घोषित किया जाए।