एक अंतरराष्ट्रीय एजेंसी के मुताबिक पिछले कुछ दिनों के दौरान पाकिस्तानी रुपये में करीब 20 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। गौरतलब है कि पिछले हफ्ते ही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पाकिस्तान को छह अरब डॉलर का राहत पैकेज देने पर सहमति जताई है। हालांकि इस पर अंतिम मोहर आईएमएफ के मुख्य कार्यालय में ही लगेगी। लेकिन इससे पहले ही वहां मंहगाई के कारण हाहाकार मचा हुआ है। जबकि ये कहा जा रहा है कि पाकिस्तान को कर्ज मिलने के बाद महंगाई में तेजी से इजाफा होगा।
आर्थिक मोर्चे पर कंगाली की तरफ बढ़ रहे पाकिस्तान में इमरान खान सरकार की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। रमजान का महीना चल रहा है और देश में महंगाई के कारण लोगों को खाने की वस्तुओं की दोगुनी कीमत देनी पड़ रही है। पाकिस्तान में महंगाई का हाल ये है कि भारत में करीब चालीस रुपये प्रति दर्जन मिलने वाला केला वहां पर 150 रुपये प्रति दर्जन मिल रहा है। यही नहीं वहां पर अन्य खाद्य वस्तुओं की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया है। हालात ये हैं कि पाकिस्तानी रुपये की कीमत गिरकर प्रति डालर 150 रुपये के करीब पहुंच गया है और इसके कारण उसे विदेशों से खाद्य उत्पादों को आयात करने में ज्यादा पैसा देना पड़ रहा है।
दुनिया भर में मुस्लिमों का रमजान का महीना चल रहा है। रोजे के कारण खाद्य उत्पादों की मांग ज्यादा बढ़ जाती है। खासतौर से फल और सब्जियों की। लेकिन पाकिस्तान में महंगाई का आलम ये है कि केले भी वहां पर 150 रुपये प्रति दर्जन मिल रहे हैं। जबकि अन्य खाद्य उत्पादों की कीमत भी तेजी से बढ़ गयी है। हालात ये हैं कि पाकिस्तान में सेब और नींबू की कीमत 400 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गयी है। वहीं पाकिस्तान को विदेशों से आयात करने वाले खाद्य उत्पादों के लिए ज्यादा कीमत देनी पड़ रही है।
क्योंकि पाकिस्तानी रुपये का अंतरराष्ट्रीय बाजार में मूल्य गिर रहा है। वर्तमान में पाकिस्तान के रुपये की कीमत प्रति डालर 150 रुपये पहुंच गयी है। एक अंतरराष्ट्रीय एजेंसी के मुताबिक पिछले कुछ दिनों के दौरान पाकिस्तानी रुपये में करीब 20 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। गौरतलब है कि पिछले हफ्ते ही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पाकिस्तान को छह अरब डॉलर का राहत पैकेज देने पर सहमति जताई है। हालांकि इस पर अंतिम मोहर आईएमएफ के मुख्य कार्यालय में ही लगेगी।
लेकिन इससे पहले ही वहां मंहगाई के कारण हाहाकार मचा हुआ है। जबकि ये कहा जा रहा है कि पाकिस्तान को कर्ज मिलने के बाद महंगाई में तेजी से इजाफा होगा। क्योंकि आईएमएफ की शर्तों की वजह से पाकिस्तानी सरकार को मौजूदा टैक्स छूटों को वापस लेना होगा। लिहाजा पाकिस्तान के हालत में किसी भी तरह के सकारात्मक बदलाव मिलने की उम्मीद कम ही है।
पाकिस्तान में एक दर्जन संतरों की कीमत 360, नीबू और सेब की कीमत 400 रुपये किलो तक हो गई है। जबकि केलों की कीमत प्रति दर्जन 150 रुपये दर्जन केले मिल रहे हैं। वहीं गोश्त की कीमत 1100 रुपये किलो, चिकन 320 रुपये किलो और एक लीटर दूध के लिए लोगों को 120 से 180 रुपये तक चुकाने पड़ रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक पिछले कुछ दिनों के दौरान दालों की कीमत में 15 फीसदी, ताजे फल में 12 फीसदी की बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। बताया ज रहा है कि पाकिस्तान में महंगाई पिछले पांच साल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। दो महीने पहले मार्च में महंगाई दर 9.4 फीसदी तक पहुंच गई जो अभी भी इसके करीब है। आंकड़ों के मुताबिक 1980 से पाकिस्तान आईएमएफ के कर्ज मांग चुका है। हालांकि पाकिस्तान को आर्थिक मदद चीन और सऊदी अरब देते रहते हैं।
Last Updated May 19, 2019, 12:20 PM IST