सुप्रिया कृष्णामूर्ति की रिपोर्ट

भारत में चुने हुए जनप्रतिनिधियों के सम्मान की लंबी परंपरा रही है। चुनावों में जीत के बाद नेताओं का फूलों के गुलदस्ते, मिठाई और तोहफे भेंट करने का चलन आम है। लेकिन कुछ नेता लीक से हटकर चलने के जाने जाते हैं। ऐसे ही एक नेता हैं तेलंगाना की सिकंदराबाद सीट से भाजपा के नव निर्वाचित सांसद किशन रेड्डी। चुनाव जीतने के बाद उनकी खास पहल के लिए विरोधियों समेत हर कोई प्रशंसा कर रहा है। किशन रेड्डी ने उन्हें बधाई देने आ रहे समर्थकों और चाहने वालों से  फूल या गुलदस्ता देने के बजाय किताबें गिफ्ट करने का अनुरोध किया है। 

इसका नतीजा यह हुआ कि रेड्डी के पास किताबों की भंडार हो गया है। अब भी यह सिलसिला लगातार जारी है। सिकंदराबाद सीट से जीतकर संसद पहुंचने वाले रेड्डी ने उनसे मिलने आने वाले पार्टी के कार्यकर्ताओं को कहा है कि वे गिफ्ट के बदले किताबें भेंट करें। 

इस बीच, तेलंगाना के भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष सी राजेश कुमार किशन रेड्डी से मिलने पहुंचे और उन्हें तोहफे में बहुत सी किताबें भेंट कीं। मीडिया से बात करते हुए राजेश कुमार ने कहा, ऐसे बहुत कम नेता होते हैं जो इस तरह के नेक विचार के साथ आगे आते हैं। 

इस बारे में बात करने पर किशन रेड्डी ने 'माय नेशन' से कहा, उनका यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रेरित है। पीएम मोदी ने फूलों का गुलदस्ता स्वीकार करने के बजाए एक फूल लेने के चलन को आगे बढ़ाया है। मैं भी उनके इस कदम से प्रभावित हूं। 

तोहफे में किताबें देने का अनुरोध के बारे में पूछे जाने  पर किशन रेड्डी ने कहा, 'फूल और गुलदस्तों को कोई मोल नहीं है। यह पैसे की बर्बादी है। लेकिन अगर हमारे पर किताबें हैं, तो हम उन्हें जरूरतमंदों के बीच बांट सकते हैं।'

किशन ने इन किताबों को स्लम बस्तियों के अलावा तेलंगाना के सरकारी स्कूलों के बच्चों को बांटने का  फैसला किया है। उनका कहना है कि गरीब बच्चों को हमेशा किताबों की जरूरत होती है।

किशन ने कहा, 'हमारा मकसद जरूरतमंदों को एक लाख किताबें बांटने का है। हमारे पास एक दिन में ही 20 से 25 हजार किताबें हो गई हैं।'

उन्होंने कहा कि तेलंगाना में किताबें बांटने का काम पूरा होने के बाद वह हैदराबाद और दूसरे राज्यों में भी इस तरह की पहल को आगे बढ़ाना चाहते हैं। हालांकि अभी उनका ध्यान तेलंगाना पर ही केंद्रित है। 

उन्होंने कहा कि यह कवायद किताबें बांटने की आदत को लोगों की दिनचर्या में लाने के लिए है। किशन ने कहा, 'पार्टी के कार्यक्रमों में इस तरह के प्रयास को अमल में लाने का प्रयास किया जाएगा। कई लोग हैं, जो ऐसा कर रहे हैं। हम एक उदाहरण लोगों के सामने रखना चाहते हैं। हमें भरोसा है कि जल्द ही दूसरे लोग भी इससे जुड़ेंगे।'