नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान दुनिया भर में कश्मीर के मामले में बेइज्जत हो चुके हैं। जब पूरी विश्न में इमरान खान को किसी का साथ नहीं मिला तो उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में रूदाली करना शुरू कर दिया। इमरान इस बात को लेकर परेशान थे कि दुनिया के किसी भी ताकतवर देश ने पाकिस्तान का साथ नहीं दिया।

इमरान खान ने न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र के हेडक्वार्टर में पत्रकारों क सामने एक बार फिर अपना दुखड़ा रोया। असल में इमरान खान अपना वजूद बचाने के लिए कश्मीर का मुद्दा जिंदा रखना चाहते हैं। जब पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार लिए वह अपने देश में ही कोई कदम नहीं उठा रहे हैं। इमरान खान ने पत्रकारों से कहा कि कश्मीर पर किसी भी ताकतवर देश ने पाकिस्तान का साथ नहीं दिया। लिहाजा उन्हें इस बाद का दुख है।  

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को कई तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है और वह संयुक्त राष्ट्र में इसलिए आए हैं ताकि कश्मीर का मुद्दा दुनिया के सामने उठा सके। हालांकि भी तक यूएन में भी कोई सफलता नहीं मिली है। इतना जरूर है कि पाकिस्तान के दोस्त टर्की ने कश्मीर का मुद्दा उठाने की कोशिश की थी। लेकिन वह भी सफल नहीं हो सकी। वहीं सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने भी इमरान खान ने कश्मीर का मुद्दा उठाने की कोशिश की थी।

लेकिन ट्रंप ने साफ कर दिया था कि भारत अमेरिका का दोस्त है और पाकिस्तान पर दुनिया का कोई भी देश भरोसा नहीं करता है। हालांकि इस मौके पर इमरान खान धमकी देने से भी नहीं चूके और उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान परमाणु संपन्न देश हैं और दुनिया को इसलिए कश्मीर के मुद्दे को गंभीरता से लेना होगा। उन्होंने कहा कि दोनों देश आमने सामने हैं। भारत में पीएम नरेन्द्र मोदी की सरकार बनने के बाद वहां पर एक अतिवादी सरकार काम कर रही है।

हालांकि पत्रकारों से बातचीत में इमरान खान ने कश्मीर और भारत पर ही अपनी बात रखी। जबकि पाकिस्तान के बारे उन्होंने ज्यादा कुछ नहीं कहा। असल में इमरान खान और पाकिस्तान भारत को मिल रहे समर्थन को लेकर बौखला गया है। अब पाकिस्तान का कहना है कि वह कश्मीर के मुद्दे को अगले महीने इस्लामिक देशों की होने वाले बैठक में रखेगा।