देश में पुलवामा जैसे फिदायीन हमले के खुफिया इनपुट के बाद दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू जैसे महानगरों में रह रहे शॉल एवं ड्राईफ्रूट विक्रेता आईबी जैसी केंद्रीय एजेंसियों की जांच के घेरे में हैं। गत सप्ताह संदिग्ध गतिविधियों का संदेह होने पर आईबी ने पुलवामा के रहने वाले सात शॉल विक्रेताओं को हिरासत में लिया था। ये सभी दिल्ली में व्यापार करते हैं। एजेंसियों का दावा है कि इनमें से कुछ मुखबिर के तौर पर काम करते थे।

खुफिया ब्यूरो ने दिल्ली में फिदायीन हमला होने की आशंका जताई है। इसके बाद से ही स्थानीय और केंद्रीय एजेंसियों ने सरकारी प्रतिष्ठानों की सुरक्षा पुख्ता करनी शुरू कर दी है। 

आईबी खासतौर पर ऐसे  लोगों पर नजर रख रही है जो हाल के समय में कश्मीर के अंदरुनी इलाकों से दिल्ली में शिफ्ट हुए हैं। इन्हीं इनपुट पर काम करते हुए दिल्ली के जामा मस्जिद और चांदी महल इलाके से सात लोगों को जांच के घेरे में लिया गया। इनसे विभिन्न एजेंसियों ने संयुक्त पूछताछ की। ये सभी लोग पुलवामा के रहने वाले बताए जा रहे हैं। 

शुरुआत में आईबी ने पांच संदिग्यों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। बाद में दो और लोगों को पूछताछ में सहयोग करने के लिए कहा गया। आईबी को लगता है कि ये लोग कश्मीर से शॉल लाकर बेचने वाले हैं। बाद में सभी को छोड़ दिया गया, हालांकि जम्मू-कश्मीर पुलिस से उनके बारे में  जानकारी जुटाने को कहा गया था। 

इसके अलावा दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के जामिया इलाके में रहने वाले कई लोग भी सुरक्षा एजेंसियों के संदेह के घेरे में हैं। कश्मीर से आने वाले ड्राई फ्रूट खासकर बादाम के कई विक्रेता भी जांच के घेरे में हैं। एजेंसियां इन सभी विक्रेताओं को होने वाली फंडिंग पर लगातार नजर रख रही है। पहले भी ऐसा संज्ञान में आया है कि बादाम की खरीद से मिलने वाली राशि कथित तौर पर आतंकी फंडिंग के लिए इस्तेमाल किया गया। 

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने साल 2016 में अपनी जांच के बाद एक मामला दर्ज किया था। इसमें पाकिस्तान से हवाला का पैसा भारत पहुंचाया गया। इसके लिए कैलिफोर्निया बादाम के आयात का इस्तेमाल किया गया। बाद में इस राशि को कश्मीर में अशांति फैलाने के लिए अलगाववादियों तक पहुंचाया गया। 

इस बीच, खुफिया ब्यूरो (आईबी) ने संवेदनशील प्रतिष्ठानों को सुरक्षा देने वाले बलों, जैसे केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और स्थानीय पुलिस को 'कड़ी' चेकिंग करने को कहा गया है। सभी अहम जगहों के पास से गुजरने वाले वाहनों की जांच करने को कहा गया है। एजेंसियों को संदेह है कि आतंकी पुलवामा की तर्ज पर किसी फिदायीन हमले हमले को अंजाम दे सकते हैं। सेना के वाहनों के रंग वाली गाडि़यों को लेकर खास सतर्कता बरतने को कहा गया है। देश के सभी महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा का जिम्मा सीआईएसएफ के पास है। 

सूत्रों के अनुसार, सभी एजेंसियों को कहा गया है कि वे अपने प्रतिष्ठानों की सुरक्षा पुख्ता करें। खास तौर पर ऐसी जगहों पर सतर्कता बरतने को कहा गया है, जो अलग-थलग हैं। 

खुफिया ब्यूरो ने सीआईएसएफ से सभी बड़े प्रतिष्ठानों की सुरक्षा बढ़ाने को कहा है। नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक में सुरक्षा के विशेष उपाय करने को कहा गया है। यहां गृह मंत्री, वित्त मंत्री, रक्षा मंत्री और यहां तक कि प्रधानमंत्री का कार्यालय है। सुरक्षा में तैनात बलों से सभी संवेदनशील प्रतिष्ठानों के आसपास घूमने वाले संदिग्ध लोगों की तलाशी लेने को कहा गया है।