आतंकियों की सुरक्षित पनाहगाहों से संबंधित रिपोर्ट की मदद से अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यह बताने की कोशिश की जाएगी कि पाकिस्तान कैसे आतंक के दानव को पाल रहा है।
नई दिल्ली। भारत ने आतंकियों के पनाहगाह पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर बेनकाब करने की पूरी तैयारी कर ली है। भारत ने पाकिस्तान और उसके अवैध कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में चल रहे 16 आतंकी ठिकानों का विस्तृत ब्यौरा तैयार किया है। सूत्रों के अनुसार, इन कैंपों में आतंकियों को महज हथियार चलाने का प्रशिक्षण ही नहीं दिया जाता बल्कि उन्हें हाई-टैक गैजेट्स चलाना भी सिखाया जाता है।
एक नई खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में इस समय कुल 16 आतंकी कैंप चल रहे हैं। ये सभी कैंप पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों के आसपास चलाए जा रहे हैं। इनमें से 11 आतंकी कैंप पीओके में भारतीय सीमा के नजदीक हैं, ताकि इनसे भारत में आतंकियों की घुसपैठ कराई जा सके। पीओके में चल रहे 11 आतंकी कैंपों में से पांच मुजफ्फराबाद, कोटली और बरनाला इलाके में हैं।
अन्य पांच कैंप पाकिस्तान में सक्रिय हैं। इनकी लोकेशन मानसेरा में है। दो पाकिस्तान के पंजाब सूबे में हैं। पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर में जो कैंप हैं, वो बोई, लका-ए-गैर, शेरपाई, दियोलिन, खालिद बिन वालिद, गढ़ी और दोपट्टा में हैं।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को एक आत्मघाती हमलावर के सीआरपीएफ के काफिले को निशाना बनाए जाने के बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमला किया था। इसमें पुलवामा हमले की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने को निशाना बनाया गया था। बालाकोट में जैश के कैंप में आतंकियों को प्रशिक्षण दिया जाता था। साथ ही इस संगठन के कई टॉप कमांडर भी यहां मौजूद रहते थे। माना जा रहा है कि बालाकोट कैंप में ही पुलवामा हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों को प्रशिक्षण दिया गया था।
सूत्रों के अनुसार, आतंकियों की सुरक्षित पनाहगाहों से संबंधित रिपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। दुनिया को यह बताने की कोशिश की जाएगी कि पाकिस्तान कैसे आतंक के दानव को पाल रहा है। रिपोर्ट में इन सभी आतंकी ठिकानों की सैटेलाइट तस्वीरों को शामिल किया गया है।
सूत्रों का कहना है कि इन ट्रेनिंग कैंपों में आतंकियों को कमांडो की तरह प्रशिक्षण देकर बड़े हमलों को अंजाम देने के लिए तैयार किया जाता है। इन आतंकियों को अत्याधुनिक तकनीकों की भी जानकारी दी जाती है। इस कैंपों में आतंकियों के टॉप कमांडरों के संचार एवं कंट्रोल स्टेशन होते हैं। इस ट्रेनिंग कैंपों में आतंकियों को पानी में लड़ाई, ड्रोन चलाना और आईईडी बनाना सिखाया जाता है।
आतंकियों को पानी में लड़ाई का प्रशिक्षण दिए जाने की खुफिया सूचनाओं ने भारतीय एजेंसियों की चौकन्ना कर दिया है। भारत में आतंकी वारदात को अंजाम देने के लिए आतंकियों के जल मार्ग को इस्तेमाल करने के इनपुट लगातार मिल रहे हैं। नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने कुछ रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा है कि आतंकी समुद्री मार्ग से किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की फिराक में हैं। इसलिए नौसेना पूरी सतर्कता बरत रही है।
Last Updated Mar 5, 2019, 4:22 PM IST