जयपुर से देवेन्द्र सिंह की विशेष रिपोर्ट।

अकसर पति पत्नी और वो कि कहानियां फिल्मी पर्दे पर देखने को मिलती हैं। लेकिन ये समाचार कोई फिल्मी नहीं है बल्कि एक आईपीएस अफसर की सच्चाई है।  उसे अपनी नौकरी से भी हाथ धोना पड़ा है, क्योंकि एक पत्नी के रहते उसने दूसरी शादी कर ली। केन्द्र सरकार ने आईपीएस अफसर की सेवा समाप्त कर दी है।

असर में राजस्थान कैडर में भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अफसर पंकज चौधरी की केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सेवाएं समाप्त कर दी है। राजस्थान सरकार के कार्मिक विभाग ने सेवा समाप्त करने का नोटिस उनके घर पर भी चस्पा कर दिया गया है। राज्य के विवादित अफसरों में शुमार पंकज चौधरी पिछली सरकार में काफी विवादास्पद रहे थे और इस सरकार में भी उनको राहत नहीं मिली है। राज्य सरकार ने आईपीएस चौधरी की सेवाएं समाप्त करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को लिखा था। लिहाजा अब उनकी सेवाओं समाप्त कर दी गयी हैं। पंकज पहली बार तब चर्चा में आए थे, जब पूर्ववर्ती कांग्रेस के अशोक गहलोत सरकार के वक्त जैसलमेर के आईपीएस रहते हुए उन्होंने वर्तमान अल्पसंख्यक मंत्री और विधायक साले मोहम्मद के पिता गाजी फकीर की हिस्ट्रीशीट खोल दी थी।

इसके बाद आईपीएस पंकज चौधरी को बूंदी एसपी लगाया गया था, लेकिन वहां पर नैनवा में हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान बीजेपी सरकार ने आरोप पत्र  दिया था।  इसके अलावा पहली पत्नी के रहते दूसरी पत्नी रखने के मामले में आईपीएस पंकज चौधरी को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। उनके खिलाफ राज्य सरकार ने विस्तृत चार्जशीट केन्द्र को भिजवाई थी। यूपीएससी ने केन्द्र से चौधरी को सेवा से बर्खास्त करने की सिफारिश की। पिछले साल अप्रैल में 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी एवं एडीजी इंदु कुमार भूषण को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी थी।

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इस बीच, बजाज नगर थाना पुलिस ने बुधवार को गांधी नगर स्थित उनके सरकारी आवास पर बर्खास्तगी का नोटिस चस्पा कर दिया। आईपीएस चौधरी के खिलाफ राज्य सरकार ने विस्तृत चार्जशीट केन्द्र को भिजवाई थी। तब केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने 20 जुलाई 2018 को यूपीएससी को रिपोर्ट भिजवाई। यूपीएससी ने पांच नंवबर 2018 को केन्द्र को लिखे पत्र में आईपीएस पंकज चौधरी को सेवा से बर्खास्त करने की सिफारिश की थी। इसके बाद केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने बर्खास्तगी की कार्रवाई की।