सारधा चिटफंड घोटाले में सबूत से छेड़छाड़ के आरोपी आईपीएस अफसर राजीव कुमार की बढ़ी मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। लिहाजा राजीव कुमार ने आज सुप्रीम कोर्ट में पिछले हफ्ते कोर्ट द्वारा एक हफ्ते की दी गयी राहत को आगे और एक हफ्ता बढ़ाने की गुजारिश की। हालांकि कोर्ट से राजीव कुमार को कोई राहत नहीं मिली है और कोर्ट ने उन्हें सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल के पास जाने को कहा है, ताकि अर्जी पर सुनवाई के लिए तीन जजों की बेंच का गठन हो सके।

असल में राजीव कुमार ने कोर्ट में दलील दी है कि पश्चिम बंगाल में वकीलों की हड़ताल चल रही है। जिसके कारण वह निचली अदालत में अपील दाखिल नहीं कर पाए हैं। लिहाजा उनकी गिरफ्तारी पर एक हफ्ते की लगाई गयी रोक को एक और हफ्ता बढ़ा दिया जाए। पिछले हफ्ते ही सुप्रीम कोर्ट ने राजीव कुमार की गिरफ्तार पर लगाई लगायी गयी रोक को हटा दिया था और उन्हें निचली अदालत में अपनी जमानत की याचिका देने का कहा था।

राजीव कुमार पश्चिम बंगाल में हुए सारधा घोटाले के दौरान इसकी जांच कर रही एसआईटी के प्रमुख थे। इस घोटाले की जांच सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने शुरू की थी। सीबीआई ने राजीव कुमार पर आरोप लगाया था कि वह सबूतों और गवाहों से छेड़छाड़ कर सकते हैं। लिहाजा उनकी गिरफ्तार जरूरी है।

लेकिन कोर्ट ने उन्हें गिरफ्तार न करने का आदेश दिया था। बहरहाल सुप्रीम कोर्ट ने राजीव कुमार के वकील से कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल के पास जाने को कहा है, ताकि अर्जी पर सुनवाई के लिए तीन जजों की बेंच का गठन हो सके। पिछले सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई ने राजीव कुमार द्वारा सारधा चिटफंड केस के सबूत नष्ट करने के सबूत दिए थे।