केन्द्र सरकार ने निर्यात स्कीम के तहत पांच देशों को चीनी का निर्यात किया। इसमें ईरान भी शामिल है। ऑल इंडिया शुगर ट्रेड एसोसिएशन के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल दिसंबर से छह मई तक भारत ने पांच देशों को 23.73 लाख मैट्रिक टन चीनी का निर्यात किया। इस स्कीम के तहत बांग्लादेश को 4.79 लाख मैट्रिक टन, श्रीलंका को 3.20 लाख मैट्रिक टन चीनी का निर्यात किया गया।
अमेरिका के दबाव में भले ही भारत ने ईरान से तेल का आयात कम कर दिया हो, लेकिन ईरान ने भारत से चीनी निर्यात का आयात बढ़ा दिया है। फिलहाल भारत से ईरान को 3.49 मैट्रिक टन चीनी का निर्यात किया गया है। अब अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण ईरान ने भारत से चीनी खरीदना शुरू कर दिया है। हालांकि पिछले पांच के दौरान ईरान ने भारत से चीनी का आयात नहीं किया था।
जानकारी के मुताबिक केन्द्र सरकार ने निर्यात स्कीम के तहत पांच देशों को चीनी का निर्यात किया। इसमें ईरान भी शामिल है। ऑल इंडिया शुगर ट्रेड एसोसिएशन के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल दिसंबर से छह मई तक भारत ने पांच देशों को 23.73 लाख मैट्रिक टन चीनी का निर्यात किया। इस स्कीम के तहत बांग्लादेश को 4.79 लाख मैट्रिक टन, श्रीलंका को 3.20 लाख मैट्रिक टन चीनी का निर्यात किया गया।
जानकारी के मुताबिक भारतीय बाजार में चीनी की ज्यादा उपलब्धता के कारण ईरान को चीनी निर्यात करने से चीनी मिलों को फायदा होगा। इससे गन्ना किसानों का बकाया देने में मदद मिलेगी। असल में पिछले साल अमेरिका ने ईरान को निर्यात करने वाली वस्तुओं पर प्रतिबंध लगा दिया था। यही नहीं अमेरिका ने ईरान से तेल आयात करने के लिए पर प्रतिबंध लगाया था। लिहाजा देश में चीनी की मांग को देखते हुए ईरान ने भारत के साथ करार किया।
इसके तहत ईरान भारत से इस साल अपनी जरूरतों को देखते हुए 4 लाख मैट्रिक टन चीनी का आयात करेगा। चीनी की खरीद भारतीय रुपये में की जाएगी। अभी तक ईरान ब्राजील से चीनी का आयात करता था। लेकिन अब वह भारत से चीनी खरीद रहा है। इसके लिए ईरान सरकार पहले ही भारत को 497 रुपये प्रति टन का प्रीमियम भुगतान कर चुकी है। इस साल चीनी की वैश्विक कीमतों में 8.9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
Last Updated May 13, 2019, 4:17 PM IST