नई दिल्ली। दो दिन पहले इस्राइल और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच हुए शांति समझौते पर पड़ोसी देश ईरान भड़क गया है। ईरान ने फलस्तीनियों के खिलाफ विश्वासघात बताते हुए यूएई के खिलाफ हमला शुरू करने की धमकी दी है। ईरान का कहना है कि ये समझौता रद्दा होना चाहिए क्योंकि यूएई ने बड़ा विश्वासघात किया है।

असल में मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड ने इस समझौते को लेकर चेतावनी दी है और कहा है कि ये समझौता यूएई के लिए आने वाले समय में खतरनाक साबित होगा।  इसके साथ ही ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने  इस समझौते को लेकर बड़ी गलती बताया है। उनका कहना है कि यूएई ने इस्राइल के साथ संबंधों को सामान्य बनाने में लगती है और इसके परिणाम आने वाले दिनों को भुगतने पड़ेगे। उन्होंने कहा कि यूईए को जब अपनी गलती का अहसास होगा और वे इस गलत राह को छोड़ देंगे। गौरतलब है कि यूएई और इस्राइल के समझौता हुआ और इसके बाद यूएई इस्राइल के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाला पहला खाड़ी अरब देश बन गया है ।

अमेरिका और ईरान के बीच तनातनी

वहीं अमेरिका और ईरान के बीच तनातनी कम हुई है । लेकिन दोनों देशों के बीच रिश्ते बेहतर नहीं हो सके हैं और अमेरिका ने ईरान पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं। वहीं संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद ने ईरान पर लगे हथियारों के प्रतिबंधों की अवधि को अनिश्चितकाल तक बढ़ाने के अमेरिकी प्रस्ताव को खारिज कर ईरान का राहत ही दी। इस प्रस्ताव के खिलाफ चीन और रूस ने वोट दिया वहीं जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के अलावा आठ अन्य सदस्य वोटिंग के दौरान गैरहाजिर रहे। इस प्रस्ताव को पारित कराने के लिए अमेरिका को नौ देशों का समर्थन चाहिए था।