नई दिल्ली। कांग्रेस में शुरू हुआ घमासान शांत होने का नाम नहीं ले रहा है।  हालांकि कांग्रेस ये जताने की कोशिश कर रही है कि पार्टी में सबकुछ ठीक चल रहा है। लेकिन पार्टी में वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद कांग्रेस आलाकमान से नाराज चल रहे हैं। आजाद ने इस बात पर जोर दिया है कि वह कांग्रेस कार्य समिति का नए सिरे से चुनाव चाहते हैं। ताकि पार्टी के भीतर लोकतंत्र कायम हो। 

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को जो पत्र लिखा गया उसमें गुलाम नबी आजाद ने भी हस्ताक्षर किए थे। आजाद ने कहा कि हर राज्य और जिले का अध्यक्ष निर्वाचित होना होना चाहिए और कांग्रेस कार्य समिति का चुनाव  भी होना चाहिए। ताकि पार्टी के लोकतंत्र स्थापित हो सके। आजाद ने कहा कि उनकी मंशा कांग्रेस को मजबूत करने की थी न की कमजोर करने की। उन्होंने कहा कि वह पिछले 34 साल से कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य हैं। असल में गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी सहित 23 नेताओं ने संगठन में बदलाव करने के लिए और पूर्णकालिक अध्यक्ष की मांग को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा था।

लेकिन इस पत्र के मीडिया में आने के बाद पार्टी में घमासान शुरू हो गया था और गांधी परिवार के समर्थन ने इसे भाजपा की साजिश बताया था। सोमवार को कांग्रेस कार्य समिति की करीब सात घंटे तक चली मैराथन बैठक के बाद सोनिया गांधी से अंतरिम अध्यक्ष बने रहने का आग्रह किया गया।  हालांकि कांग्रेस समर्थक और विरोधियों  ने राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने की मांग की। वहीं सीडब्लूसी ने सोनिया गांधी को जरूरी संगठनात्मक बदलाव के लिए अधिकृत किया।

कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बन गई थी कुरूक्षेत्र

सोमवार को हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक कुरूक्षेत्र बन गई थी और कांग्रेस में गांधी परिवार के वफादार और बागी आमने सामने आ गए थे। गांधी परिवार के समर्थकों का कहना था कि बागी नेता भाजपा के इशारे पर काम कर रहे हैं।