रांची। झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा की अगुवाई में सरकार बनने के बाद भी कैबिनेट विस्तार नहीं हो सका है। राज्य में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ तीन विधायकों ने मंत्री  पद की शपथ ली, लेकिन इसके बाद किसी अन्य विधायक को मंत्री की शपथ नहीं दिलाई। वहीं राज्य की हेमंत सोरेन सरकार राज्य में बगैर पूर्ण मंत्रिमंडल के धड़ाधड़ फैसले ले रही है। माना जा रहा है कि कांग्रेस और जेएमएम में कैबिनेट विस्तार को लेकर तनातनी है। 

जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उनके साथ ही तीन अन्य विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली थी। जिसे एक कांग्रेस और एक राजद का विधायक था। राज्य में जेएमएम, कांग्रेस और राजद ने मिलकर चुनाव लड़ा था। चुनाव में इन तीन दलों के गठबंधन ने सत्ताधारी भाजपा को पटखनी दी थी। राज्य में जेएमएम की अगुवाई में गठबंधन सरकार बने 18 दिन गुजर हुए हैं, लेकिन अभी तक कैबिनेट विस्तार नहीं हो सका है।

हालांकि पिछले हफ्ते ही हेमंत सोरेन ने दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुकाकात की थी। माना जा रहा है कि कांग्रेस कैबिनेट में अपने ज्यादा मंत्रियों को शामिल करने के लिए जेएमएम पर दबाव बना रही है। हालांकि राज्य में कांग्रेस के जेएमएम की तुलना में ज्यादा विधायक नहीं है। जिसके कारण जेएमएम कांग्रेस के दावे को नहीं मान रही है। जिसके कारण कैबिनेट विस्तार रूका हुआ है।

यही नहीं कांग्रेस उपमुख्यमंत्री के पद पर भी दावा कर रही है। इस दौरान कांग्रेस के विधायक भी दिल्ली में डेरा डाले हुए थे। वहीं राज्य के सीएम हेमंत सोरेन बगैर पूर्ण कैबिनेट के ही बड़े और अहम फैसले ले रहे हैं। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में भी कई दिनों तक कैबिनेट विस्तार रूका हुआ था।