नई दिल्ली। क्या दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने खुद को कमजोर कर आम आदमी पार्टी को मजबूत किया है। ताकि दिल्ली की सत्ता पर भाजपा काबिज न हो सके। राज्यसभा सांसद केटीएस तुलसी ने कहा है कि कांग्रेस ने वोटों को ध्रुवीकरण को रोकने के लिए दिल्ली में खुद को कमजोर किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस ने आप को दिल्ली में मजबूत किया है। लिहाजा चुनाव में कांग्रेस कहीं भी नजर नही आई और मुकाबला भाजपा और आप के बीच में सिमट गया।

फिलहाल चुनाव के बाद तुलसी का बयान काफी अहम माना जा रहा है। कांग्रेस ने दिल्ली की सत्ता पर लगातार 15 साल तक राज किया है। लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव में ऐसा लग रहा था कि कांग्रेस पार्टी चुनाव नहीं लड़ रही है। उसके स्टार प्रचारक प्रचार से दूर से थे और पार्टी के दिग्गज नेताओं ने चुनाव से दूरी बनाकर रखी थी। हालांकि पार्टी का एक तबका ऐसा भी था कि वह दावा कर रहा था कि वह राज्य की सत्ता पर फिर से काबिज होगा। 

तुलसी ने कहा कि कांग्रेस को लगता है कि वोटों के बंटवारे को रोकने के लिए कांग्रेस ने कुर्बानी दी है। लिहाजा कांग्रेस ने कमजोर होकर राज्य में आप को भाजपा के तुलना में मजबूत किया है। कांग्रेस ने दिल्ली में मतों का विभाजन रोका है और इसके कारण भाजपा को चुनाव में फायदा नहीं हुआ है। वहीं कल ही कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी कहा था कि आप की दिल्ली चुनाव में जीत विकास के एजेंडे की जीत होगी।

कांग्रेस नेता ने कहा कि यदि भाजपा दिल्ली विधानसभा चुनाव हार जाती है, तो पार्टी की हार के साथ सांप्रदायिक एजेंडा भी हार जाएगा। फिलहाल दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए सभी एग्जिट पोल ने केजरीवाल की पार्टी के जीत की भविष्यवाणी की है। आप ने 2015 के चुनावों में 70 में से 67 सीटें जीतकर शानदार जीत दर्ज की थी। भाजपा ने तीन सीटें जीती थीं जबकि कांग्रेस अपना खाता खोल भी नहीं पाई थी।