नई दिल्ली। क्या पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान की गिनती उल्टी शुरू हो गई है। क्योंकि अमेरिका से वापस लौटने के बाद पाकिस्तान में निवेश की नीति के लिए बैठक पाक पीएम नहीं बल्कि वहां के सेना प्रमुख ले रहे हैं। पाकिस्तान को आर्थिक कंगाली से बाहर निकालने के लिए सेना प्रमुख का बैठक लेना कुछ नए संकेतों की तरफ इशारा कर रहा है।

असल में कहा जा रहा है कि इमरान खान को लेकर पाकिस्तान की सेना खुश नहीं है। क्योंकि इमरान को जिस मकसद के लिए पाकिस्तानी ने परोक्ष तौर पर सत्ता पर बैठाया था। इमरान खान वो परिणाम देने में विफल रहे हैं। लिहाजा अब सेना खुद बड़े फैसले कर रही है।

पिछले दिनों इमरान खान की पूर्व पत्नी और पत्रकार रेहम खान ने खुलासा किया था कि इमरान खान पाकिस्तानी सेना के हाथ में कठपुतली हैं और जब पाकिस्तानी सेना चाहिए इमरान खान को सत्ता से बाहर कर दिया जाएगा। वहीं पाकिस्तान के मशहूर नजूमी ने भी दावा किया था कि इमरान खान की मुश्किलें अक्टूबर से शुरू हो जाएंगी। पाकिस्तान में ज्योतिष करने वालों को नजूमी कहा जाता है। लिहाजा अब इसके संकेत मिलने शुरू हो गए हैं।

इमरान खान संयुक्त राष्ट्र की बैठक के बाद पाकिस्तान लौटे हैं। लेकिन यूएन में उन्हें मुहं की खानी पड़ी है। क्योंकि वह कश्मीर मामले को सही तरीके से वहां पर उठा नहीं सके थे। लिहाजा अब पाकिस्तानी सेना वहां के लिए बड़े फैसले खुद कर रही है। जानकारी के मुताबिक पिछले एक  दशक में ऐसा पहली बार हो रहा है जब पाकिस्तान का रक्षा बजट फ्रीज किया जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक पाकिस्तानी सेना के प्रमुख कमर जावेद बाजवा ने डूबती अर्थ व्यवस्था में तेजी लाने के लिए पाकिस्तान के कारोबारियों से मुलाकात की। ये बैठक आर्थिक राजधानी कराची और सेना मुख्यालय रावलपिंडी में हुई हैं। गौरतलब है कि पाकिस्तान की इस साल आर्थिक विकास दर अनुमानित 2.4% रहने का अनुमान है। जो पिछले दस साल के निचले स्तर पर है।