विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान चीन पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर प्रोजेक्ट के कारण कर्ज में डूब चुका है। ये प्रोजेक्ट के तहत चीन के शिनजियांग प्रांत को ग्वादर बंदरगाह से जोड़ा जा रहा है। हालांकि पाकिस्तान को उम्मीद थी कि चीन के कारण उसके देश का विकास होगा। लेकिन अब इस प्रोजेक्ट के कर्ज का बोझ पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था पर पड़ने लगा है।
नई दिल्ली। दुनियाभर में आतंकी की फैक्ट्री के नाम से बदनाम कर्ज में डूब चुका है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। लिहाजा रक्षा विशेषज्ञों को आशंका है पाकिस्तान कर्ज से मुक्ति के लिए चीन को गुलाम कश्मीर का कुछ हिस्सा दे सकता है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष पहले ही ये आशंका जता चुका है कि चीन के कर्ज के जाल में छोटे देश फंस रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान चीन पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर प्रोजेक्ट के कारण कर्ज में डूब चुका है। ये प्रोजेक्ट के तहत चीन के शिनजियांग प्रांत को ग्वादर बंदरगाह से जोड़ा जा रहा है। हालांकि पाकिस्तान को उम्मीद थी कि चीन के कारण उसके देश का विकास होगा। लेकिन अब इस प्रोजेक्ट के कर्ज का बोझ पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था पर पड़ने लगा है।
लिहाजा रक्षा विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि गिरती अर्थव्यवस्था से जूझ रहा पाकिस्तान इस कर्ज की मुक्ति के लिए अपने कब्जे वाले कश्मीर का कुछ हिस्सा चीन को सौंप सकता है। हालांकि इससे भारत पहले ही सीपीईसी प्रोजेक्ट को सवाल उठा चुका है। क्योंकि ये प्रोजेक्ट में गुलाम कश्मीर का हिस्सा भी है। जो अभी तक विवादित क्षेत्र है।
पाकिस्तान पूरी तरह के चीन के कर्ज में फंस चुका है। पाकिस्तान ने ग्वादर बंदरगाह के पास कई किलोमीटर की जमीन चीन को लीज पर दी है। जहां पर चीन अपने नागरिकों के लिए शहर का निर्माण कर रहा है। यहां पर ज्यादातर चीनी कंपनियां काम कर रही है। जिन निर्माण के साथ ही खनन क्षेत्र में काम कर रही है।
हालांकि बलूचिस्तान में इसका विरोध किया जा रहा है। लेकिन पाकिस्तानी सेना उनका विरोध दबा रही है। हालांकि चीन पाकिस्तान को एक तरह के आर्थिक तौर पर गुलाम बना रहा है। चीन कंपनियां पाकिस्तान में उत्पाद बना रही हैं, जिन्हें टैक्स फ्री रखा गया है। जिसके कारण पाकिस्तान का घरेलू उद्योग खत्म हो रहा है। इसका पाकिस्तान में विरोध भी हो रहा है।
Last Updated Jan 21, 2020, 7:50 AM IST