नई दिल्ली। राजस्थान में सियासी उठापटक जारी है। लेकिन सचिन पायलट की तऱफ से किसी भी तरह के पत्ते नहीं खोले गए हैं। पायलट ने कांग्रेस के खिलाफ किसी भी तरह का बयान नहीं दिया है और वह किसी भी हाल में राज्य में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ समझौता नहीं चाहते हैं। पायलट साफ कह चुके हैं कि वह भाजपा में नहीं जाएंगे। लिहाजा बताया जा रहा है कि वह राज्य में अपनी खुद की पार्टी का गठन कर सकते हैं।

पिछले दिनों पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट कांग्रेस से बगावत कर दी है और वह हरियाणा के होटल में हैं। वहीं पायलट कह चुके हैं कि वह भाजपा में नहीं जाएंगे। लेकिन कांग्रेस से उनका अभी तक कोई समझौता नहीं हुआ है। वहीं कल(शुक्रवार) को हाईकोर्ट का फैसला आ सकता है। जिसमें ये तय हो जाएगा कि वह पार्टी में रहेंगे या बाहर होंगे। क्योंकि अगर कोर्ट का फैसला पायलट के पक्ष में आता है तो वह पार्टी के विधायक बने रहेंगे और विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस का कोई मतलब नहीं होगा। वहीं अगर उनके खिलाफ जाता है तो पायलट को कांग्रेस पार्टी बर्खास्त कर सकती है। 

अगर सचिन पायलट के पक्ष में जाने के बाद कांग्रेस विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए सत्र बुला सकती है। इसमें वह व्हिप जारी करेगी। लिहाजा सचिन पायलट को सदन में कांग्रेस पार्टी के पक्ष में मौजूद रहना ही होगा। लिहाजा कहा जा रहा है कि वह कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं और वहीं उन्होंने अपने करीबियों से कह दिया है कि वह नई पार्टी को लेकर तैयार रहें। असल में पूर्व राजस्थान में पायलट की अच्छी पकड़ मानी जाती है और वह गुर्जर समुदाय के नेता माने जाते हैं।

कांग्रेस भी समझौते के पक्ष में है

राज्य में सियासी उठापटक के बीच कांग्रेस आलाकमान ने सीएम अशोक गहलोत को बयानों में लगाम लगाने की सलाह दी है। कांग्रेस का कहना है कि पायलट फिलहाल कांग्रेस में हैं और वह खुद यही बात कह रहे हैं। यही नहीं अभी तक कोई सबूत भी उनके खिलाफ नहीं मिले हैं कि वह कांग्रेस के खिलाफ गए हैं। लिहाजा पार्टी फिलहाल सभी विकल्पों को साथ लेकर चल रही है।