नई दिल्ली। राज्यसभा उपसभापति पद के चुनाव के लिए कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष एकजुट खड़ा दिखाई दे रहा है। हालांकि कितने विपक्षी दल कांग्रेस को समर्थन देंगे इसका खुलासा नहीं हुआ है। लेकिन कांग्रेस अपनी रणनीति के तहत चुनाव में संयुक्त उम्मीदवार उतारने जा रहा है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस ने इसके लिए फैसला कर लिया है। लेकिन उसे कितने विपक्षी दलों का समर्थन मिलेगा, ये कहना मुश्किल है। पिछली बार कांग्रेस को उपसभापति चुनाव में मुंह की खानी पड़ी थी।

असल में 14 सितंबर से संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है और कांग्रेस केन्द्र सरकार को घेरने की तैयारी में है। हालांकि कांग्रेस के पास कोरोना और देश की अर्थव्यवस्था के जुड़े मुद्दे हैं। जबकि केन्द्र की सत्ताधारी भाजपा पर इसकी काट है। वहीं कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ पार्टी नेताओं की बैठक में मॉनसून सत्र को लेकर रणनीति बनी। वहीं जनता दल यूनाइटेड के सांसद हरिवंश नारायण सिंह का पहला कार्यकाल इस साल अप्रैल महीने में खत्म हो गया है। लेकिन वह दोबारा राज्यसभा में पहुंचे हैं।

 वहीं माना जा रहा है कि राज्यसभा उपसभापति पद के लिए एनडीए के वह प्रत्याशी हो सकते हैं।  कांग्रेस नेता पीजे कुरियन के उपसभापति के तौर पर कार्यकाल खत्म होने के बाद जदयू सांसद हरिवंश को उपसभापति बनाया गया था। हरिवंश की सभी दलों में अच्छी पैठ है और इसके जरिए एनडीए कांग्रेस की रणनीति  को विफल कर सकती है। पिछली बार उपसभापति के चुनाव में हरिवंश ने कांग्रेस प्रत्याशी बीके हरि प्रसाद को 20 मतों से हराया था जबकि उस वक्त राज्यसभा में एनडीए कमजोर था। लेकिन पिछले दो साल में राज्यसभा में एनडीए मजबूत हुआ है।