दूसरे धर्म के लोगों खासतौर से हिंदुओं को लेकर अपने भड़काऊ बयानों के लिए चर्चित बांग्लादेश का इस्लामिक प्रचारक अब पश्चिम बंगाल में हिंदुओं के खिलाफ भड़काऊ बयान देगा। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पड़ोसी देश के विवादित धर्म उपदेशक शेख अब्दुल रज्जाक बिन युसूफ को राज्य में धार्मिक कार्यक्रम करने की इजाजत दे दी है। हाल ही में ममता सरकार ने सामुदायिक हिंसा की आशंका जताते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को बंगाल में सभाएं और रथ यात्रा करने पर रोक लगा दी थी।

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ममता राज में युसूफ राज्य के विभिन्न हिस्सों में 14 से 20 दिसंबर के बीच भाषण देगा। इन सात दिनों में वह विभिन्न जिलों में मदरसों समेत आठ स्थानों पर भाषण देगा। वह अपने कार्यक्रम की शुरूआत हावड़ा के बगनन से करेगा और उत्तरी 24 परगना बारासात में इसका समापन करेगा। हालांकि ममता सरकार और प्रशासन को उसके भड़काऊ बयानों को लेकर कोई दिक्कत नहीं है। इन स्थानों मे ज्यादातर आबादी मुस्लिमों की है और हिंदू यहां पर अल्पसंख्यक हैं। लिहाजा कुछ जगहों सांप्रदायिक तनाव हो सकता है। युसूफ की जिन आठ जगहों पर सभाएं हो रही हैं उसमें से चार माल्दा में ही हैं। यहां 2016 में बड़े स्तर पर दंगे हो चुके हैं। दंगों के दौरान यहां पर हजारों मुस्लिमों की भीड़ ने पुलिस स्टेशन को फूंक दिया था। युसूफ को ये कहते हुए सुना जा सकता है कि आप हिंदू हैं और आप बंगाली नए साल क्यों मनाते हैं मैं मुस्लिम हूं। मेरे पास हिंदूओं के भगवान की प्रतिमाओं और मूर्तियों को ध्वस्त करने की नीति है और मैं यहां पर इस तरह के हिंदू त्योहारों को कब्र में पहुंचाने के लिए हूं।

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कौन है इस्लामिक उपदेशक युसूफ

सोशल मीडिया फेसबुक में युसूफ ने जो जानकारी दी है। उसके मुताबिक वह हदीस और कुरान के विद्यार्थियों को पढ़ाता है और उसी की राह पर चलने का मार्गदर्शन करता है ताकि जन्नत मिल सके। इसके साथ ही गुमराह और भटके लोगों को राह दिखाता है। लेकिन सच्चाई इससे उलट है। उसका असली काम धर्म के नाम पर घृणा फैलाना है और दूसरे धर्म के लोगों को अपमानित करना है। फिलहाल फेसबुक पर उसने अपने पश्चिम बंगाल को दौरे को काफी बढ़ा चढ़ाकर पेश किया है।

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बंगाल पुलिस को नहीं है कोई परेशानी

युसूफ के बंगाल दौरे को लेकर ममता सरकार को कोई परेशानी नहीं है। उसे स्थानीय प्रशासन ने इस दौरे के लिए अनुमति दी है। इस मामले में उसके मुर्सिदाबाद के कार्यक्रम के आयोजक मुन्नवर हुसैन का कहना है कि हमने इसके लिए पुलिस से अनुमति ली है और इसके लिए एक महीने पहले ही सभी कागजातों को प्रशासन को दे दिया गया है और उसके बाद हमको अनुमति मिली है। उधर टीएमसी के सांसद इदरस अली से जब इस बारे में बात की तो, उन्होंने इस मामले से अनभिज्ञता जाहिर की और इसे दरकिनार कर दिया।

वहीं पश्चिमी बंगाल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि एक तरफ ममता रथ यात्रा का विरोध कर रही हैं वहीं बांग्लादेश से नफरत बेचने वाले को ला रही हैं। वह मुस्लिम समाज को ये संदेश देना चाहती है कि वह मुस्लिमों के साथ है। फिलहाल ऐसा माना जा रहा है कि युसूफ के मौजूदगी से राज्य का माहौल खराब होगा। क्योंकि कुछ दिन पहले ही उत्तरी बंगाल के जलपाईगुड़ी में भाजपा और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प में पुलिस के वरिष्ठ अफसर घायल हो गए थे।