अमरावती। आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस और तेलगू देशम पार्टी की जंग अब दिलचस्प होती जा रही है। तीन राजधानियों के मुद्दे पर जगन मोहन रेड्डी पीछे नहीं हटना चाहते हैं तो वहीं नायडू इसका जबरदस्त तरीक से विरोध कर रहे हैं। रेड्ड़ी राज्य में विधान परिषद को समाप्त करने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव ला चुके है। ताकि राज्य की सियायत में वाईएसआर कांग्रेस की ही धमक रहे। लिहाजा रेड्डी ने चंद्रबाबू नायडू के गांव में तीन राजधानियों को लेकर बैठकर कर सबको चौंका दिया और नायडू को चुनौती भी दे डाली। वहीं टीडीपी ने रैली स्थल को हल्दी और पानी से धुलवा कर रेड्डी को चुनौती दी है।

राज्य के सीएम जगन मोहन रेड्ड़ी नायडू के पैतृक गाँव नरवरिपल्ले में तीन राजधानियों के लिए बैठक की और इसके बाद रैली निकालने की कोशिश की। राज्य सरकार के सलाहकार अजय कल्लम, डिप्टी सीएम नारायणस्वामी और मंत्री कन्नबाबू ने नरवरिपल्ले में एक सार्वजनिक बैठक की। जिसके कारण तेदेपा प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू के पैतृक गांव नरवरिपल्ले में कुछ समय के लिए तनाव बना रहा।

राज्य की  सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस ने तीन-पूंजी योजना के फायदे बताने के लिए यहां पर बैठक का आयोजन किया था। वहीं नरवरिपल्ले के टीडीपी नेताओं ने भी तीन-पूंजी प्रस्ताव के विरोध में एक रैली निकालने की कोशिश की। हालांकि पुलिस ने टीडीपी नेताओं को विरोध में रैली नहीं निकालने दिया। बाद टीडीपी नेता पीआर मोहन के नेतृत्व में तेदेपा कार्यकर्ताओं ने नायडू के घर के पास एनटीआर की प्रतिमा पर धरना दिया और राज्य की राजधानी के रूप में अमरावती को जारी रखने की मांग की।

फिलहाल रेड्डी ने साफ कर दिया है कि फैसले को लागू करने करने की प्रक्रिया में देरी हो सकती है, लेकिन राज्य सरकार तीन राजधानियों पर अपने निर्णय को वापस नहीं लेगी। निर्णय एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों पर आधारित है। इससे सभी क्षेत्रों का विकास होगा। असल में राज्य सरकार तीन राजधानियों के मुद्दे पर राज्य में टीडीपी का भारी विरोध झेल रही है। इसके राज्य सरकार ने फैसला किया है कि राज्य में उच्च सदन को समाप्त किया जाए।

ऐसा कर राज्य की रेड्डी सरकार को सदन में किसी का  विरोध नहीं झेलना पड़ेगा। क्योंकि वाईएसआर कांग्रेस के पास उच्च सदन में समर्थन नहीं है। जिसके कारण उसका प्रस्ताव उच्च सदन में रद्द हो जाएगा। लिहाजा राज्य सरकार राज्य में उच्च सदन को समाप्त कर राज्य में एक सदन की व्यवस्था रखना चाहते हैं। हालांकि 1987 से 2007 तक राज्य के पूर्व सीएम नंद्रबाबू नायडू ऐसा  कर चुके हैं।