नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश की वाईएसआर कांग्रेस सरकार ने केन्द्र सरकार से राज्य के लिए विशेष राज्य का दर्जा मांगा है।  पार्टी के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर एक बार फिर विशेष श्रेणी का दर्जा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार चाहे तो राज्य को विशेष राज्य का दर्जा दे सकती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे अपने पत्र में, मुख्यमंत्री ने कहा है  कि वित्त आयोग ने पिछले सप्ताह 2020-21 के लिए अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा कि विशेष श्रेणी की स्थिति की मांग केन्द्र सरकार से की जा सकती है। इस पर निर्णय भी केन्द्र सरकार को करना है।

उन्होंने केन्द्र सरकार को याद दिलाया कि संयुक्त आंध्र प्रदेश के विभाजन के समय संप्रग सरकार ने वादा किया था कि राज्य के लोगों को विशेष श्रेणी का दर्जा दिया जाएगा। अगर इसे नहीं दिया गया तो राज्य की जनता से घोर अन्याय होगा। जगन ने लिखा है केंद्र सरकार का तर्क था कि चौदहवें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार किसी भी राज्य के लिए विशेष श्रेणी का दर्जा दिया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चूंकि केंद्र ने आंध्र को विशेष श्रेणी का दर्जा देने से इंकार करने के लिए 14 वें वित्त आयोग की टिप्पणियों का हवाला दिया था। लिहाजा राज्य सरकार ने इसके लिए 15 वें वित्त आयोग के साथ नए सिरे से अनुरोध किया था। गौरतलब है कि राज्य में राजधानी को लेकर केन्द्र सरकार ने जगन मोहन रेड्डी सरकार को अपना समर्थन दिया है। केन्द्र ने साफ कर दिया था कि राजधानी को लेकर राज्य सरकार का फैसला ही अंतिम फैसला है।  

क्योंकि केन्द्र सरकार इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती है। जबकि टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू राज्य में तीन राजधानियों को लेकर जगन सरकार का तीखा विरोध कर रहे हैं। वहीं जगन मोहन रेड्डी ने आरोप लगाया है कि राजधानी को लेकर जमीन माफियाओं ने अमरावती  में जमीनें खरीदी हैं। जिसमें टीडीपी नेताओं का पैसा लगा है।