वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राफेल सौदे में दाम बढ़ने संबंधी एक रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। साथ ही उसे ‘बकवास’ अंकगणित पर आधारित बताया है। जेटली ने कई ट्वीट कर कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कीमतों की जांच की है और अब कैग इसकी जांच कर रहा है।

उन्होंने कहा, ‘राफेल पर नया लेख बकवास अंकगणित पर आधारित है- 2007 में नहीं हुए सौदे के दाम को दरकिनार करिए और 2016 के दामों से इसकी तुलना करिए और एक घोटाला खोजिए।’ 

जेटली का बयान ‘द हिंदू’ दैनिक में प्रकाशित एक लेख के बाद आया है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 126 लड़ाकू विमानों की बजाय 36 विमान खरीदने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले की वजह से प्रत्येक विमान की कीमत में 41.42 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

अखबार के पूर्व संपादक एन राम ने अपने विस्तृत लेख में दावा किया है कि मोदी सरकार का 9 फीसदी कम दाम पर विमान खरीदने का दावा गलत है। उनका तर्क है कि विमान की कीमतें 14.2% अधिक हैं। उन्होंने लिखा, दसॉल्ट के साथ हुई प्राथमिक डील में एक बार में पूरी तरह से उपकरणों से लैस विमान के लिए 1.4 बिलियन यूरो कीमत तय थी। डील के तहत विमान में भारत केंद्रित 13 विशेषताएं भी शामिल थीं। नई डील में यह कीमत 1.3 बिलियन यूरो तक पहुंच गई, जो प्रथम दृष्टि में पहले की तुलना में कम है। हालांकि, यह कीमत पूर्व की तुलना में संख्या में काफी कम विमानों के लिए तय हुई तो इस लिहाज से प्रति विमान की कीमत 11.11 मिलियन से बढ़कर 36.11 मिलियन हो गई। इस तरह से विमान की कीमतों में 14.2% का उछाल आया।