प्रचंड जनादेश के साथ सत्ता में लौटने के बाद नरेंद्र मोदी के संसद में एनडीए सांसदों के समक्ष दिए गए भाषण का उनके विरोधियों के साथ-साथ अल्पसंख्यकों पर भी गहरा असर हुआ है। जमीयत-ए-उलेमा-ए-हिंद के जनरल सेक्रेटरी मौलाना महमूद मदनी ने इसके लिए मोदी को पत्र लिखकर बधाई दी है। साथ ही उम्मीद जताई है कि उनकी अगुवाई वाली एनडीए सरकार मुसलमानों के विकास पर ध्यान देगी, उनकी शिक्षा और रोजगार के लिए काम करेगी।

मदनी ने क्या कहा पीएम मोदी से?

मदनी ने पत्र में लिखा है, 'अल्पसंख्यकों के विकास को लेकर दिए गए आपके हालिया बयान, जिसमें आपने मुसलमनों को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करने की बजाय उनकी शिक्षा और स्वास्थ्य पर खास ध्यान देने की बात कही, वो सही वक्त पर आया बयान है और मुबारकबाद के काबिल है। हम उम्मीद करते हैं कि इसे पूरी ईमानदारी और मुस्तैदी के साथ लागू किया जाएगा।'

मदनी ने लिखा है, 'आपको बड़े अंतर से मिली जीत से साफ होता है कि लोक आपके विकास के एजेंडा का पूरी तरह समर्थन करते हैं। उन्हें उम्मीद है कि आप हमारे इस मुल्क को विकास, शांति और समृद्धि की नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। मैं उम्मीद करता हूं कि सबका साथ और सबका विकास का नारा उन ख्वाबों और मकसदों को हासिल करेगा, जो आपने तय किए हैं।'

जमीयत ने क्यों की पीएम मोदी की तारीफ?

पीएम ने संसद के सेंट्रल हॉल में एनडीए के सांसदों को संबोधित करते हुए अल्पसंख्यकों के साथ हुई वोटबैंक की राजनीति का भी जिक्र किया। उन्होंने चुनकर आए सांसदों से अल्पसंख्यकों का भरोसा और समर्थन जीतने का अनुरोध किया। पीएम ने कहा था कि जैसा गरीबों के साथ जैसा छल हुआ, वैसा ही छल देश के अल्पसंख्यकों के साथ हुआ है। दुर्भाग्य से देश के अल्पसंख्यकों को उस छलावे में भ्रमित और भयभीत रखा गया है, उससे अच्छा होता कि अल्पसंख्यकों की शिक्षा, स्वास्थ्य की चिंता की जाती। 2019 में आपसे अपेक्षा करने आया हूं कि हमें इस छल में छेद करना है। हमें उनका भी विश्वास जीतना है। धर्म और जाति के आधार पर कोई विभेद नहीं होना चाहिए। यह एक चुनौती है और हमें इसका सामना करना है। 

मदनी ने साल 2014 में नरेंद्र मोदी को पीएम पद का उम्मीदवार बनाए जाने पर सवाल खड़े किए थे। उनका मोदी विरोधी रुख बाद के वर्षों के दौरान भी बना रहा। हालांकि कई लोगों का मानना था कि कुछ समय से मोदी को लेकर उनके नजरिये में नरमी आई है। अब पीएम मोदी के अल्पसंख्यकों को लेकर कही गई बात के बाद ऐसा कुछ हुआ है, जिसे सोचना भी हैरान करता है। देवबंदी विचारों से जुड़ी इस्लामिक स्कॉलर्स की सबसे बड़ी संस्था जमीयद-उलेमा-ए-हिंद ने मोदी के भाषण की तारीफ की है। 30 तारीख को शपथ लेने जा रही मोदी 2.0 सरकार के लिए जमीयत का यह कदम काफी हैरान करने वाला है।