रांची। झारखंड सरकार की हेमंत सोरेन सरकार राज्य की कई स्कीमों को धन की कमी के कारण बंद करने जा रही हैं। इन स्कीमों को राज्य की पूर्व भाजपा सरकार ने शुरू किया था और अब राज्य की सोरेन सरकार का कहना है कि वह इन गैर-जरूरी कल्याणकारी योजनाओं को समाप्त करने जा रही है। वहीं सरकार का कहना है कि राज्य की खस्ताहाल कोष को देखते हुए सरकार श्वेत पत्र जारी करेगी। ताकि राज्य की जनता को मालूम हो सके कि राज्य की वित्तीय स्थिति  कैसी है।

झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के बाद धन की कमी के कारण झारखंड में गैर-जरूरी योजनाएं बंद होने की संभावना है। इन योजनाओं के राज्य की पूर्व भाजपा सरकार ने शुरू किया था। राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य की वित्तीय स्थिति खराब है और जल्द ही इसके लिए एक श्वेत पत्र जारी किया जाएगा ताकि जनता जान सकें कि उनकी सरकार को पिछले शासन से किस तरह की आर्थिक स्थिति मिली।

वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने बड़े स्तर पर राज्य की वर्तमान वित्तीय स्थिति पर चर्चा की। उन्होंने दिए गए परिस्थितियों में कल्याणकारी योजनाओं को चलाने के बारे में भी बात की। राज्य सरकार ने खराब वित्तीय स्थिति को देखते हुए बजट को `81,345 करोड़ से घटाकर` 85,429 करोड़ कर दिया गया है। लिहाजा इसकी वजह से राज्य में कई योजनाओ को बंद करने की योजना है। जानकारी के मुताबिक झारखंड विधानसभा के बजट सत्र से पहले राज्य में कल्याणकारी योजनाओं पर विभागीय सचिवों के साथ एक समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी।

गैर-जरूरी योजनाओं को पूरी समीक्षा के बाद बंद किए जाने की संभावना है। इस बीच, ठेकेदारों को पहले दी गई लगभग सभी निविदाओं को रद्द कर दिया गया है और अधिकारियों को नई योजनाएं शुरू नहीं करने का निर्देश दिया गया है। 1,500 करोड़ से प्रस्तावित प्रस्तावित नए सचिवालय भवन के लिए निविदाएं भी धन की कमी को देखते हुए रद्द कर दी गई हैं। राज्य सरकार द्वारा सड़कों और पुलों से संबंधित सभी योजनाओं को भी रोक दिया गया है।