नई दिल्ली। देशव्यापी राष्ट्रीय रजिस्टर पर केन्द्र सरकार को बड़ा झटका लगा है। ओडिशा के मुख्यमंत्री और बीजू जनता दल  के अध्यक्ष नवीन पटनायक ने साफ किया है कि कि उनकी पार्टी देश भर में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम का विरोध देखते हुए देशव्यापी राष्ट्रीय रजिस्टर का समर्थन नहीं करेगी। इसे भाजपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

एनआरसी को लेकर केन्द्र सरकार के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है। जबकि नागरिकता संशोधन कानून पर पटनायक ने केन्द्र सरकार को समर्थन दिया था। पटनायक से पहले जदयू के अध्यक्ष और बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी साफ कर चुके हैं कि उनकी पार्टी केन्द्र सरकार को एनआरसी समर्थन नहीं देगी। पटनायक ने ये घोषणा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा एक राष्ट्रव्यापी एनआरसी पर अपना विरोध दोहराए जाने के एक दिन बाद की है।

अन्य गैर-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (पंजाब) और भूपेश बघेल (छत्तीसगढ़) ने भी एनआरसी  का विरोध किया है। पटनायक ने कहा कि संसद में सीएए का समर्थन करने वाले बीजद सांसदों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे एनआरसी का समर्थन नहीं करते हैं। “सीएए का भारतीय नागरिकों से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने दिल्ली, पश्चिम बंगाल और असम में हो रहे हिंसक प्रदर्शनों पर शांति की अपील की। गौरतलब है कि संसद ने पिछले हफ्ते नागरिकता संशोधन कानून बिल को मंजूदी दी थी। जिसके तहत हिंदुओं, बौद्धों, सिखों, ईसाइयों, पारसियों और जैनियों को नागरिकता प्रदान करने के लिए मंजूरी दे दी।

इसके बाद राष्ट्रपति ने इसे मंजूरी दी थी। इस कानून के तहत 31 दिसंबर, 2014 से पहले अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से भारत में आए लोगों को नागरिकता दी जाए। इसमें मुस्लिमों को शामिल नहीं किया गया है। हालांकि जो आंकडे एनआरसी को आ रहे हैं उसके तहत असम में 19 लाख अवैध बाहरी लोग रह रहे हैं। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी, जनता दल (यूनाइटेड), अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के साथ-साथ सीएए का समर्थन किया था।