मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की राह पर चल रहे हैं। कमलनाथ ने योगी सरकार की तर्ज पर अक्षम कर्मचारियों को हटाने को फैसला किया है। फिलहाल कमलनाथ सरकार ने इसके लिए विभिन्न विभागों से एक महीने के भीतर रिपोर्ट मांगी है।

अभी तक यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर शासन नहीं करने का अनुभव का आरोप लगाने वाली कांग्रेस सरकार अब योगी आदित्यनाथ के एक बड़े फैसले को मध्य प्रदेश में लागू करने जा रही है। असल में उत्तर प्रदेश में सरकार बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने सरकारी विभागों से अक्षम कर्मचारियों को बाहर करने का फैसला किया था।

जिसका राज्य के सभी विपक्षी दलों ने विरोध किया था और इसमें कांग्रेस भी शामिल थी। लिहाजा अब इसी फैसले को  मध्य प्रदेश क मुख्यमंत्री कमलनाथ भी लागू करने जा रहे हैं। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने भी अब अक्षम कर्मचारियों को जबरन सेवानिवृत्त करने का फैसला किया है।

कमलनाथ सरकार सरकारी विभागों के अक्षम कर्मचारियों को रिटायरमेंट देने की तैयारी में है। इसके लिए सभी विभागों को एक महीने का समय दिया है। कमलनाथ सरकार ने राज्य के सभी विभागों के आला अफसरों को अक्षम कर्मचारियों की पहचान कर उन्हें बाहर करने के निर्देश दिए हैं।

असल में राज्य सरकार के अधीन विभागों में 20 वर्ष की सेवा अथवा 50 वर्ष की उम्र पूरा करने वाले अधिकारी की समीक्षा कर उन्हें नौकरी से सेवानिवृत्त करने का प्रावधान है। फिलहाल कमलनाथ सरकार ने सघन मॉनिटरिंग कर अगले 30 दिनों में परिणामों से अवगत कराने के निर्देश दिए हैं।

फिलहाल राज्य सरकार के इस फैसले के खिलाफ राज्य के कर्मचारी आंदोलन करने की योजना बना रहे हैं। लेकिन सरकार ने तय कर लिया है कि अक्षम कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाए। इसके लिए सरकार इन कर्मचारियों को राज्य सरकार के कर्मचारी नियमावली का हवाला दे रही है। जिसके तरह राज्य सरकार किसी भी कर्मचारी को नौकरी से निकाल सकती है।