भोपाल। लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में करारी हार मिलने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक बड़ा सियासी फैसला लिया है। कमलनाथ ने राज्य में अन्य पिछड़ी जातियों को दिए जाने वाले आरक्षण को बढाकर 14 से 27 फीसदी कर दिया है। कमलनाथ का ये राजनैतिक फैसला कांग्रेस के लिए कितना कारगर साबित होगा ये तो वक्त ही बताएगा। लेकिन हार के बाद कमलनाथ ने अपनी सियासी जमीन बचाने के लिए चाल चल दी है।

राज्य में कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद लोकसभा चुनाव में पार्टी एक मात्र सीट पर ही जीत हासिल कर सकी है। पार्टी को राज्य की 28 सीटों में से महज छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर ही संतोष करना पड़ा है। वहीं कमलनाथ पर अपने बेटे नकुलनाथ को जिताने के लिए राज्य की अन्य सीटों को कोई तवज्जो न देने का आरोप लगा है।

लिहाजा कमलनाथ फिर से राज्य में कांग्रेस को स्थापित करने की तैयारी में है। गौरतलब है कि राहुल गांधी ने कमलनाथ की कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में आलोचना की। जिसके कारण उनकी मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। लिहाजा अब कमलनाथ ने बड़ा सियासी फैसला लिया है।

जिसके तरह राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी का मौजूदा कोटा बढ़ा दिया है। कमलनाथ कैबिनेट ने मौजूदा आरक्षित कोटा 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने की मंजूरी दी है। फिलहाल कैबिनेट से पारित होने के बाद इसे विधानसभा के मानसून सत्र में रखा जाएगा। असल में अभी तक राज्य में अनुसूचित जातियों तथा जनजातियों को 36 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा था।

गौरतलब है कि राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सामान्य जातियों एवं अनुसूचित जातियों का विरोध झेलना पड़ा था और इसका खामियाजा बीजेपी को राज्य मे हुए विधानसभा चुनाव में भी उठाना पड़ा। लेकिन बीजेपी लोकसभा चुनाव में राज्य में 27 सीटों पर कब्जा करने में सफल रही थी।