राजस्थान और मध्य प्रदेश की कांग्रेस की सरकारें अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की राह पर चल रही है। योगी सरकार की तरह अब राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार और मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार गौ वंश के संरक्षण के लिए अलग से बजट आवंटित करने जा रही हैं। ताकि गौ वंश के जरिए हिंदू वोटरों को साधा जा सके।

असल में मध्य प्रदेश और राजस्थान की सरकारों ने अपना-अपना बजट पेश किया है। इस बजट के जरिए दोनों सरकारों ने ये जताने की कोशिश की कि वह नरम हिंदुत्व के रास्ते पर चल रहे हैं। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली बड़ी हार के बाद दोनों सरकारों के समझ में आ गया है कि नरम हिंदुत्व की राह पर चल कर ही सत्ता हासिल की जा सकती है।

इन दोनों राज्यों में कांग्रेस को बड़ी हार मिली है। राजस्थान में तो पार्टी भी सीट नहीं जीत पायी जबकि मध्य प्रदेश में कांग्रेस को महज एक सीट मिली। इन दोनों राज्यों में दिसंबर में कांग्रेस ने सरकार बनाई। गौरतलब है कि तीन राज्यों के विधानसभा चुनान के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी नरम हिंदुत्व की राह अपनाई थी और चुनाव के दौरान वह मंदिरों में गए। जिसका फायदा कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में हुआ।

फिलहाल कांग्रेस शासित इन राज्यों के बजट से जो संकेत मिल रहे हैं, उससे पार्टी नरम हिंदुत्व की राह पर चलने का इशारा कर रही है। हालांकि मध्य प्रदेश में सरकार बनते ही कमलनाथ ने गौ संरक्षण और गौशाला के निर्माण का ऐलान भी किया था। लेकिन इसका फायदा पार्टी को लोकसभा चुनाव में नहीं मिला। राजस्थान सरकार ने बजट में नंदी गाय के लिए आश्रय गृह की स्थापना करने का ऐलान किया है।

जबकि मध्य प्रदेश सरकार ने गौ-संरक्षण के लिए 1309 करोड़ रुपये का बजट में प्रावधान किया है। सरकार ने गोशाला बनाने के साथ-साथ राम वन गमन पथ को विकसित करने का भी ऐलान किया है। यही नहीं मध्य प्रदेश सरकार ने पुजारियों के लिए अलग कोष बनाने का भी ऐलान किया है।