मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने भाजपा के मुद्दों पर फोकस करना शुरू कर दिया है। जहां कांग्रेस सरकार राज्य में संघ की शाखाओं में प्रतिबंध लगाने और मीसाबंदियों की पेंशन बंद करने की तैयारी कर रही है। वहीं राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अफसरों को फरमान सुना दिया है कि उन्हें सड़कों पर गौमाता नहीं दिखनी चाहिए।

साफ्ट हिंदूत्व को धार देने में जुटी कांग्रेस पार्टी ने मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव के दौरा राज्य में गायों के लिए गौशाला बनाने का वादा किया था। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नेताओं ने मंदिरों के चक्कर भी लगाए और गायों के लिए गौशाला बनाने का वादा किया था। ताकि हिंदू वोटरों को लुभाया जा सके। लिहाजा अब आगामी लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस  फिर हिंदूत्व और उससे जुड़े मुद्दों से हिंदू वोटरों को लुभाने की कवायद शुरू कर दी है। अब राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अफसरों को फरमान सुना दिया है कि उन्हें गौमाता प्रदेश की सड़क पर नहीं दिखनी चाहिए। इसके लिए उन्होंने राज्य के हर जिले में जल्द से जल्द गौशालाओं का निर्माण हो और उन्हें वहां रखा जाए।

कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश के हर जिले में गौशाला का निर्माण जल्द होना चाहिए। ये कांग्रेस का वचन पत्र का मामला ही नहीं है। ये मेरी भावना भी है। उन्होंने आगे कहा, मुझे गौमाता सड़क पर नहीं दिखनी चाहिए। असल में कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव के लिए जारी अपने ‘‘वचन पत्र’ में कहा था कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार आने पर वह हर ग्राम पंचायत में गौशाला खोलेगी और इसके संचालन के लिए अनुदान देगी। प्रदेश में गौवध पर प्रतिबंध है, जिसके कारण राज्य में गौवंश की तादात काफी हो चुकी है।

कमलनाथ ने गौमाता पर देश में चल रही राजनीति के बीच यह बात कही है। इसके अलावा, लोगों द्वारा आवारा छोड़ दिए गए गौमाताओं के सड़कों पर रहने से विशेष रूप से शहरी इलाकों में ट्रैफिक बाधित होता है और कई बार ये दुर्घटनाओं का कारण भी बन जाते हैं, जिससे लोग हताहत हो जाते हैं। गौमाताओं के गौशालाओं में रहने से इससे भी निजात मिल जाएगी।