राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को लेकर आमतौर पर कांग्रेस के नेता भाजपा और संघ के पदाधिकारियों के खिलाफ जमकर आग उगलते हैं। लेकिन मध्य प्रदेश में पहली बार देखा गया है कि संघ को लेकर कांग्रेस के ही दो बड़े नेता आपस में भिड़ गए हैं। 

असल में मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने आरएसएस कार्यालय से सुरक्षा हटा दी थी। इसके बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह नाराज हो गए और उन्होंने कमलनाथ से सीधे तौर पर कहा कि संघ कार्यालय से सुरक्षा व्यवस्था वापस नहीं होनी चाहिए। दिलचस्प ये है कि दिग्विजय सिंह संघ के कट्टर विरोधी माने जाते हैं और उसके बावजूद दिग्विजय सिंह यानी दिग्गी राजा ने संघ कार्यालय की सुरक्षा को बहाल करने को कहा। पिछले साल राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के साथ ही राज्य में पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा किए गए कई कार्यों को राज्य सरकार ने बदल दिया था। यहां तक कि राज्य सरकार ने मीसा बंदियों की पेंशन को बंद करने का फैसला किया था।

हालांकि बाद में सरकार ने कोई फैसला नहीं किया। लेकिन राज्य सरकार ने जनता को संदेश दे दिया था कि वह पूर्व की भाजपा सरकार के कार्यों को पहले की तरह लागू नहीं करेगी। अब राज्य की कमलनाथ सरकार ने भोपाल स्थित आरएसएस के मुख्यालय से सुरक्षा हटाने का फैसला किया है। इसके बाद कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह नाराज हो गए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया में ट्वीट करके मुख्यमंत्री से सुरक्षा व्यवस्था को दोबारा बहाल करने को कहा। दिग्गी राजा ने कहा कि 'भोपाल राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ कार्यालय से सुरक्षा हटाना बिल्कुल उचित नहीं है मैं मुख्यमंत्री कमल नाथ जी से अनुरोध करता हूं कि तत्काल पुन: पर्याप्त सुरक्षा देने के आदेश दें।'

गौरतलब है कि राज्य सरकार के आदेश पर भोपाल में स्थित आरएसएस कार्यालय के समिधा भवन पर सुरक्षा में तैनात एसएएफ के जवानों को हटा लिया गया था। इन जवानों को यहां पर 2009 से एसएएफ को तैनात किया गया था।