कपिल मिश्रा ने ट्विट करके जानकारी दी कि ‘मैं इन सब पर मेरे खिलाफ झूठी खबरें फैलाने और मेरे खिलाफ हिंसा भडकाने के जुर्म में शिकायत दर्ज कराउंगा।’ कपिल ने यह भी कहा कि ‘वह उत्तराखंड के रहने वाले आईएएस अधिकारी आशीष जोशी के खिलाफ भी शिकायत दर्ज कराएंगे क्योंकि उन्होंने अपना एजेन्डा आगे बढ़ाने के लिए अपने आधिकारिक लेटरहेड का इस्तेमाल किया था’। 
 
जोशी ने कपिल मिश्रा के खिलाफ दिल्ली पुलिस कमिश्नर के पास शिकायत दर्ज कराई थी। 

इससे पहले कपिल मिश्रा ने सोशल मीडिया पर एक राजनैतिक कविता पोसट की थी, जो कि वायरल हो गई। कुछ लोगों को लगा कि मिश्रा ने उन लोगों के लिए गद्दार शब्द का इस्तेमाल किया और उनके खिलाफ हिंसा भड़काने की कोशिश की है। उन्होंने दिल्ली के इस राजनेता के खिलाफ पूरी तरह जंग का ऐलान कर दिया। लेकिन क्या हिंसा भड़काने सच है?

 
इस वीडियो में कपिल मिश्रा को यह कहते हुए सुना जा रहा है, ‘मोदी जी, आप बाहर के दुश्मनों को संभालिए। देश के लोग आंतरिक दुश्मनों से निपट लेंगे।’ मिश्रा ने सोशल मीडिया पर चल रहे उन पोस्ट का जिक्र किया जिसमें पुलवामा में आतंकियों के हाथों मारे गए 40 से ज्यादा सीआरपीएफ जवानों की मौत का जश्न मनाया गया था। 
 
मायनेशन ने भी इन आंतरिक शत्रुओं के खिलाफ enemies within सीरिज चलाई थी। जिसमें हाउ इज द जैश कहने वालों का पर्दाफिश किया गया था। जबकि पूरा देश जैश ए मोहम्मद के फिदायीन हमलावर के कारण मारे गए जवानों के शोक में डूबा हुआ था। 

लेकिन अब इसमें से बहुत से लोग मिश्रा की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने कहा था ‘खींच निकालो बीच सड़क पर, घर में घुटे हुए गद्दार’।  इस बात से नाराज होकर रशीद, भूषण और कृष्णन ने ट्विटर पर उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया। 

शेहला रशीद ने नई दिल्ली के डीसीपी मधुर वर्मा को टैग करते हुए कपिल पर आरोप लगाया कि ‘उन्होंने लोगों की भावनाओं से खेलते हुए उन्हें हमारे घरों में घुसने की खुली चुनौती दी है’। 

हालांकि कपिल मिश्रा का कहना है कि उन्होंने शेहला रशीद का नाम नहीं लिया था, लेकिन उन्होंने खुद ही इस आरोप को अपने उपर ले लिया। दिल्ली के विधायक लिखते हैं ‘कोई शेहला रोज फैलाती देश विरोधी झूठी बात’। जिसपर उन्होंने अपना तर्क दिया कि शेहला या फिल्म स्टार नसीरुद्दीन शाह का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया गया था।   

माय नेशन से बात करते हुए कपिल मिश्रा ने कहा ‘उनकी यह प्रतिक्रिया ही बताती है कि उनका रवैया कितना दोहरा है। अगर वह हिंदू देवी देवताओं के बारे में नकारात्मक बातें फैलाते हैं तो यह उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। लेकिन अगर कपिल मिश्रा ने एक कविता लिख दी तो यह लोग उसे जेल भेजने के लिए तैयार हो गए हैं।’